NCERTBoardBSEBBSERCBSECGBSEChapter 17Class 10HindiHPBOSEKSEEBMPBSEMSBSHSE SSC ExamQuestion & AnswerRBSESolutionUBSEUPMSPWBBSEगद्य खंड

Ncert Solutions for hindi class10 chapter 17 Kausalyayana Sanskriti | कक्षा 10 हिंदी क्षितिज भाग – 2 पाठ 17 भदंत आनंद कौसल्यायन – संस्कृति अभ्यास-प्रश्न

Ncert Solutions for hindi class10 chapter 17 Kausalyayana Sanskriti free Hindi question answer given in this section. ncert solutions for class 10 hindi chapter 17 Bhadanta Ananda Kausalyayana Sanskriti Kavya Khand class 10 Hindi kshitij chapter 17 question answer available free in eteacherg.com। Here We learn what is in this lesson in class 10 hindi ncert solutions in hindi Bhadanta Ananda Kausalyayana Sanskriti and solve questions एनसीइआरटी class 10 Hindi kshitij chapter 17 question answer. कक्षा 10 हिंदी क्षितिज भाग -2 गद्य खंड पाठ 17 भदंत आनंद कौसल्यायन द्वारा रचित निबंध संस्कृति। संस्कृति निबंध हमें सभ्यता और संस्कृति से जुड़े अनेक प्रश्नों से टकराने की प्रेरणा देता है। इस निबंध में भदंत आनंद कौसल्यायन जी ने अनेक उदहारण देकर यह बताने का प्रयास किया है कि सभ्यता और संस्कृति किसे कहते हैं, दोनों एक ही वस्तु है या अलग-अलग। 

Ncert Solutions for hindi class10 chapter 17 Kausalyayana Sanskriti is a part NCERT class 10 hindi kshitij are part of class 10 hindi kshitij chapter 17 Hindi question and answer. Here we have given ncert solutions for class 10 hindi kshitij chapter 17 prashan uttr Bhadanta Ananda Kausalyayana Sanskriti. hindi class 10 chapter 17 ncert kshitij chapter 10 hindi arth below. These solutions consist of answers to all the important questions in NCERT book chapter 17.
Here we solve Ncert Solutions for hindi class10 chapter 17 Kausalyayana SanskritiQuestions and Answers concepts all questions with easy method with expert solutions. It help students in their study, home work and preparing for exam. Soon we provide Sanskrit class 10 ncert solutions Hindi Kshitij bhag – 2 chapter 17 hindi anuvaad. is provided here according to the latest NCERT (CBSE) guidelines. Students can easily access the hindi translation which include important Chapters and deep explanations provided by our expert. Get CBSE in free PDF here. ncert solutions for ncert solutions for class 10 hindi kshitij chapter 17 pdf also available Click Here or you can download official NCERT website. You can also See NCERT Solutions for Hindi class 10 book pdf with answers all Chapter to Click Here.

Ncert Solutions for hindi class10 chapter 17 Kausalyayana Sanskriti

ncert solutions for class 10 hindi chapter 17

Bhadanta Ananda Kausalyayana Sanskriti
कक्षा – 10

पाठ – 17
हिंदी गद्य खण्ड
भदंत आनंद कौसल्यायन – संस्कृति प्रश्न-उत्तर

Ncert Solutions for hindi class10 chapter 17 Kausalyayana Sanskriti Sanskriti Questions and Answers
hindi class 10 chapter 17 भदंत आनंद कौसल्यायन – संस्कृति

प्रश्न अभ्यास

1. लेखक की दृष्टि में ‘सभ्यता’ और ‘संस्कृति’ की सही समझ अब तक क्यों नहीं बन पाई है?
उत्तर – लेखक की दृष्टि में दो शब्द सभ्यता और संस्कृति की सही समझ अभी भी नहीं हो पाई है; क्योंकि इनका उपयोग बहुत अधिक होता है और वो भी किसी एक अर्थ में नहीं होता है। इनके साथ अनेक विशेषण लग जाते हैं; जैसे – भौतिक-सभ्यता और आध्यात्मिक-सभ्यता इन विशेषणों के कारण शब्दों का अर्थ बदलता रहता है। इससे यह समझ में नहीं आता कि यह एक ही चीज है अथवा दो? यदि दो है तो दोनों में क्या अंतर है? इसी कारण लेखक इस विषय पर अपनी कोई स्थायी सोच नहीं बना पा रहे हैं।

2. आग की खोज एक बहुत बड़ी खोज क्यों मानी जाती है? इस खोज के पीछे रही प्रेरणा के मुख्य स्रोत क्या रहे होंगे?
उत्तर – आग का आविष्कार अपने-आप में एक बहुत बड़ा अविष्कार हुआ होगा। क्योंकि उस समय मनुष्य में बुद्धि शक्ति का अधिक विकास नहीं हुआ था। समय की दृष्टि से यह बहुत बड़ी खोज थी।
सम्भवत: आग की खोज का मुख्य कारण रौशनी की ज़रुरत तथा पेट की ज्वाला रही होगी। अंधेरे में जब मनुष्य कुछ नहीं देख पा रहा था तब उसे रौशनी की ज़रुरत महसूस हुई होगी, कच्चा माँस का स्वाद अच्छा न लगने के कारण उसे पका कर खाने की इच्छा से आग का आविष्कार हुआ होगा।

3. वास्तविक अर्थों ‘संस्कृत व्यक्ति’ किसे कहा जा सकता है?
उत्तर – वास्तविक अर्थों में ‘संस्कृत व्यक्ति’ उसे कहा जा सकता है जिसमें अपनी बुद्धि तथा योग्यता के बल पर कुछ नया करने की क्षमता हो। जिस व्यक्ति में ऐसी बुद्धि तथा योग्यता जितनी अधिक मात्रा में होगी वह व्यक्ति उतना ही अधिक संस्कृत होगा। जैसे-न्यूटन, न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत का आविष्कार किया। वह संस्कृत मानव था। आज भौतिक विज्ञान के विद्यार्थियों को इस विषय पर न्यूटन से अधिक सभ्य कह सकते हैं, परन्तु संस्कृत नहीं कह सकते।

4. न्यूटन को संस्कृत मानव कहने के पीछे कौन से तर्क दिए गए हैं? न्यूटन द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतो एवं ज्ञान की कई दूसरी बारीकियों को जानने वाले लोग भी न्यूटन की तरह संस्कृत नहीं कहला सकते, क्यों?
उत्तर – न्यूटन ने अपनी बुद्धि-शक्ति से गुरत्वाकर्षण के रहस्य की खोज की इसलिए उसे संस्कृत मानव कह सकते हैं। आज मनुष्य के पास भले ही इस विषय पर अधिक जानकारी होगी पर उसमें वो बुद्धि शक्ति नहीं है जो न्यूटन के पास थी वह केवल न्यूटन द्वारा दी गई जानकारी को बढ़ा रहा है। इसलिए वह न्यूटन से अधिक सभ्य है, संस्कृत नहीं।

5. किन महत्वपूर्ण आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सुई-धागे का आविष्कार हुआ होगा?
उत्तर – सुई-धागे का आविष्कार शरीर को ढ़कने तथा सर्दियों में ठंड से बचने के उद्देश्य से हुआ होगा। कपड़े के दो टुकडों को एक करके जोड़ने के लिए सुई-धागे का आविष्कार हुआ होगा।

6. मानव संस्कृत एक अविभाज्य वस्तु है। किन्हीं दो प्रसंगों का उल्लेख कीजिए जब –
(क) मानव संस्कृति को विभाजित करने की चेष्टाएँ की गई।
(ख) जब मानव संस्कृति ने अपने एक होने का प्रमाण दिया।
उत्तर –
(क) मानव संस्कृति को विभाजित करने की चेष्टाएँ की गई।
मानव संस्कृति को विभाजित करने की निम्नलिखित चेष्टाएँ की गईं –

  • जब मानव संस्कृति को धर्म के नाम पर विभाजित करने की चेष्टा की गई; जिसका परिणाम हिंदुस्तान तथा पाकिस्तान नामक दो देश है।
  • मुस्लिम जब गौ हत्या करते हैं तो हिंदू धर्म का अपमान होता है तथा हिंदू जब मुसलमानों के मस्जिद को तोड़ने का प्रयास करते हैं तो मुस्लिम धर्म का अपमान होता है।

(ख) जब मानव संस्कृति ने अपने एक होने का प्रमाण दिया।
मानव संस्कृति ने अपने एक होने का प्रमाण भी दिया है –

  • संसार के मज़दुरों को सुखी देखने के लिए कार्ल मार्क्स ने अपना सारा जीवन दुख में बिता दिया।
  • सिद्धार्थ ने अपना घर केवल मानव कल्याण के लिए छोड़ दिया।

7. आशय स्पष्ट कीजिए –
(क) मानव की जो योग्यता उससे आत्म-विनाश के साधनों का आविष्कार कराती है, हम उसे उसकी संस्कृति कहें या असंस्कृति?
उत्तर – (क) संस्कृति का अर्थ केवल आविष्कार करना नहीं है। यह आविष्कार जब मानव कल्याण की भावना से जुड़ जाता है, तो हम उसे संस्कृति कहते हैं। जब आविष्कार करने की योग्यता का उपयोग विनाश करने के लिए किया जाता है तब यह असंस्कृति बन जाती है।

रचना और अभिव्यक्ति

8. लेखक ने अपने दृष्टिकोण से सभ्यता और संस्कृति की एक परिभाषा दी है। आप सभ्यता और संस्कृति के बारे में क्या सोचते हैं, लिखिए।
उत्तर – जैसा कि लेखक ने कहा है कि आज सभ्यता और संस्कृति का प्रयोग अनेक अर्थों में किया जाता है। मनुष्य के रहन-सहन का तरीका सभ्यता के अंतर्गत आता है। संस्कृति जीवन का चिंतन और कलात्मक सृजन है, जो जीवन को समृद्ध बनाती है। सभ्यता को संस्कृति का विकसित रुप भी कह सकते हैं।

भाषा-अध्ययन

9. निम्नलिखित सामासिक पदों का विग्रह करके समास का भेद भी लिखिए –

गलत सलत
आत्म विनाश
महामानव पददलित
हिंदू-मुसलिम यथोचित
सप्तर्षि सुलोचना

उत्तर –

सामासिक पद समास-विग्रह समास भेद
गलत-सलत गलत और सलत द्वंद समास
महामानव महान है जो मानव कर्म धारय समास
हिंदू-मुसलिम हिंदू और मुसलिम द्वंद समास
सप्तर्षि सात ऋषियों का समूह द्विगु समास
आत्म-विनाश आत्मा का विनाश तत्पुरुष समास
पददलित पद से दलित तत्पुरुष समास
यथोचित जो उचित हो अव्ययीभाव समास
सुलोचना सुंदर लोचन है जिसके कर्मधारय समास
  • ‘स्थूल भौतिक कारण ही आविष्कारों का आधार नहीं हैं।’ इस विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन कीजिए।
  • उन खोजों और आविष्कारों की सूचि तैयार कीजिए जो आपकी नज़र में बहुत महत्वपूर्ण है?

NCERT Hindi Books Class 10 Textbook PDF Download | एनसीईआरटी कक्षा 10 हिंदी पाठ्यपुस्तकें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!