NCERT Solutions For Class 10 Science Chapter 7 Control and Coordination | Class10th Science नियंत्रण एवं समन्वय
NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 7 Control and Coordination question and their answers. एनसीइआरटी कक्षा 10 विज्ञान पाठ 7 नियंत्रण एवं समन्वय के सभी प्रश्न उत्तर सवालों के जवाब सम्मिलित है। NCERT notes for class 10 science Chapter 7 solutions, Class10th Science Chapter 7 question Answer Control and Coordination नियंत्रण एवं समन्वय। Here We learn what is in class 10 science Chapter 7 in Hindi and how to solve questions with easiest method. In this chapter we solve the question of class 10 science Chapter 7 question answer in Hindi medium. 10th science guide. class 10 science chapter 1 question answer
NCERT solutions for class 10 chemistry Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय (Niyantran Evam Samanvay) are part of NCERT Solutions for class 10 science Chapter 7 in Hindi PDF. Here we have given NCERT Solutions for Class 10 vigyan paath 10 Control and Coordination, NCERT solutions for class 10 Science. NCERT solutions for class 10 science Chapter 7 solutions Niyantran Evam Samanvay with formula and solution.
Here we solve NCERT class 10 science question and answer in Hindi medium नियंत्रण एवं समन्वय concepts all questions with easy method with expert solutions. It helps students in their study, homework and preparing for exam. Soon we provide NCERT solutions for class 10 science Chapter 7 exercise questions Control and Coordination question and answers. Soon we provided NCERT solutions for class 10 Science Chapter 7 Chemical Reactions and Equation नियंत्रण एवं समन्वय Food Classification of Plants in free PDF here. NCERT science book class 10 Chapter 7, class 10 science Chapter 7 notes pdf will be provide soon. You can download NCERT book class 10 science pdf download from official NCERT website or click here. ncert notes for class 10 science.
NCERT Solutions for Class 10 Science chapter 7
पाठ – 7
Control and Coordination
नियंत्रण एवं समन्वय
विज्ञान
Class 10 Science chapter 7 Control and Coordination Question Answer
class 10 science chapter 7 question answer in hindi
प्रश्न – उत्तर
1. प्रतिवर्ती क्रिया तथा टहलने के बीच क्या अंतर है?
उत्तर – किसी क्रिया के प्रति होने वाली प्रतिक्रिया को प्रतिवर्ती क्रिया कहते हैं। ये एक अनैच्छिक क्रिया है।
जबकि टहलना जिसे की हमारी सोच और नियंत्रण की आवश्यकता होती है। एक स्वैच्छिक क्रिया है।
2. दो तंत्रिका कोशिकाओं (न्यूरॉन) के मध्य अन्तर्ग्रथन (सिनेप्स) में क्या होता है?
उत्तर – दो तंत्रिका कोशिकाओं (न्यूरॉन) के मध्य एक रिक्त स्थान होता है, जिसे सिनेप्स (सिनेप्टिक दरार) कहते हैं। एक्सॉन के अंत में विद्युत् आवेग कुछ रसायनों का विमोचन कराता है। ये रसायन रिक्त स्थान या सिनेप्स (सिनेप्टिक दरार) को पार करते हैं और अगली तंत्रिका कोशिका की द्रुमिका में इसी तरह का विद्युत् आवेग प्रारंभ करते हैं।
3. मस्तिष्क का कौन सा भाग शरीर की स्थिति तथा संतुलन का अनुरक्षण करता है?
उत्तर – पश्चमस्तिष्क में स्थित अनुमस्तिष्क द्वारा शरीर की स्थिति तथा संतुलन का अनुरक्षण होता है।
4. हम एक अगरबत्ती की गंध का पता कैसे लगाते हैं?
उत्तर – जब अगरबत्ती की गंध हमारी नाक तक पहुँचती है तो हमारे नाक में मौजूद घ्राणग्राही इसका पता लगाकर विद्युत् आवेग के द्वारा अग्रमस्तिष्क को इसकी जानकारी भेजता है। अग्रमस्तिष्क मस्तिष्क का सोचने वाला भाग होता है और इसकी सहायता से हम अगरबत्ती की गंध का पता लगा सकते हैं।
5. प्रतिवर्ती क्रिया में मस्तिष्क की क्या भूमिका है?
उत्तर – पर्यावरण में किसी घटना की अनुक्रिया के फलस्वरूप अचानक हुई अनैच्छिक क्रिया को प्रतिवर्ती क्रिया कहते हैं। इस क्रिया में कोई ग्राही सूचना ग्रहण कर इसे अभिवाही तंत्रिका तंतु से होते हुए मेरुरज्जु में संयोजी तंत्रिका तंतु के माध्यम से प्रवाही अंग तक पहुँचाता है।
1. पादप हॉर्मोन क्या है?
उत्तर – पादप हॉर्मोन पौधों में वृद्धि, विकास तथा पर्यावरण के प्रति अनुक्रिया के समन्वय में सहायता करते हैं| जब वृद्धि करता पादप प्रकाश को संसूचित करता है, एक हॉर्मोन जिसे ऑक्सिन कहते हैं, यह प्ररोह के अग्रभाग में संश्लेषित होता है तथा कोशिकाओं की लंबाई में वृद्धि में सहायक होता है।
2. छुई-मुई पादप की पत्तियों की गति, प्रकाश की ओर प्ररोह की गति से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर – छुई-मुई पादप की पत्तियों की गति वृद्धि से संबंधित न होकर पत्तियों की कोशिकाओं की स्फीति में परिवर्तन से होती है। पादप में गति करने के लिए कोशिकाएँ जल की मात्रा में परिवर्तन करके अपनी आकृति बदल लेते हैं, जबकि प्रकाश की ओर गति वृद्धि से संबंधित है।
3. एक पादप हॉर्मोन का उदाहरण दीजिए जो वृद्धि को बढ़ाता है।
उत्तर – पादप हॉर्मोन का उदाहरण ऑक्सिन है जो पादप कोशिकाओं की लंबाई की वृद्धि में सहायक होता है।
4. किसी सहारे के चारों ओर एक प्रतान की वृद्धि में ऑक्सिन किस प्रकार सहायक है?
उत्तर – जब वृद्धि करता पादप प्रकाश को संसूचित करता है, एक हॉर्मोन जिसे ऑक्सिन कहते हैं, प्ररोह के अग्रभाग में संश्लेषित होता है तथा कोशिकाओं की लंबाई में वृद्धि में सहायक होता है| प्ररोह की प्रकाश से दूर वाली दिशा में ऑक्सिन का सांद्रण कोशिकाओं की लंबाई में वृद्धि के लिए उद्दीप्त करता है।
5. जलानुवर्तन दर्शाने के लिए एक प्रयोग की अभिकल्पना कीजिए।
उत्तर –
जलानुवर्तन दर्शाने के लिए प्रयोग – एक लकड़ी का बक्सा और एक पोधा ले। उस पौधे को बक्से में उगाए। इसमें मिट्टी और खाद का मिश्रण भरो। उस की मिट्टी एक ओर से गीली करने के लिए एक कीप लगा देंगें तथा दूसरी ओर से सुखी होनी चाहिए। लगभग एक सप्ताह के बाद पौधे के निकट की मिट्टी हटा कर उसका परिक्षण करने पर हम पाएगे की पौध की जड़े जलीय मिट्टी की ओर गतिशील होती है की इस अभिकल्पना से हम पाते है की जडो में घनात्मक जलानुवर्तन होता है।
1. जंतुओं में रासायनिक समन्वय कैसे होता है?
उत्तर – जन्तुओं में विशेष ग्रंथियाँ कुछ हॉर्मोन स्त्रावित करती है। ये हॉर्मोन ही रासायनिक समन्वय करते है।
2. आयोडीन युक्त नमक के उपयोग की सलाह क्यों दी जाती है?
उत्तर – आयोडीन युक्त नमक के उपयोग की सलाह इसलिए दी जाती है कि क्योंकि शरीर में कार्बोहाइड्रेट, वसा तथा प्रोटीन के उपापचय को थाइरॉइड नियंत्रित करती है। ताकि वृद्धि के लिए उत्कृष्ट संतुलन उपलब्ध कराया जा सके। अवटुग्रंथि ग्रंथि थाइरॉक्सिन नामक हॉर्मोन स्त्रावित करती है जिसे बनाने के लिए आयोडीन की आवश्कता होती है। आयोडीन की कमी से घेंघा रोग हो जाता है।
3. जब एड्रीनलीन रुधिर में स्रावित होती है तो हमारे शरीर में क्या अनुक्रिया होती है?
उत्तर – एड्रिनलिन सीधा रुधिर में स्त्रावित हो जाता है और शरीर के विभिन्न भागों तक पहुँचा दिया जाता है। जिसके परिणामस्वरूप ह्रदय की धड़कन बढ़ जाती है, जिससे पेशियों को अधिक ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है। पाचन तंत्र तथा त्वचा में रुधिर की आपूर्ति कम हो जाती है क्योंकि इन अंगों की छोटी धमनियों के आसपास की पेशियाँ सिकुड़ जाती है।
4. मधुमेह के कुछ रोगियों की चिकित्सा इंसुलिन का इंजेक्शन देकर क्यों की जाती है?
उत्तर – रक्त में बढ़ी हुई शर्करा के निंयत्रण हेतु इंसुलिन की आवश्यकता पड़ती है। यह हॉर्मोन इसे नियंत्रित करता है तथा यह अग्नाशय ग्रंथि द्वारा स्त्रवित होता है। मुधमेह के रोगियों के इसका स्त्राव कम होता है अत: इंसुलिन का इंजेक्शन रक्त में शर्करा को नियंत्रित कर देता है।
अभ्यास
1. निम्नलिखित में से कौन-सा पादप हॉर्मोन है?
(a) इंसुलिन | (b) थायरॉक्सिन | |
(c) एस्ट्रोजन | (d) साइटोकाइनिन |
उत्तर – (d) साइटोकाइनिन
2. दो तंत्रिका कोशिका के मध्य खाली स्थान को कहते हैं।
(a) द्रुमिका | (b) सिनेप्स | |
(c) एक्सॉन | (d) आवेग |
उत्तर – (b) सिनेप्स
3. मस्तिष्क उत्तरदायी है
(a) सोचने के लिए | (b) हृदय स्पंदन के लिए | |
(c) शरीर का संतुलन बनाने के लिए | (d) उपरोक्त सभी |
उत्तर – (d) उपरोक्त सभी
4. हमारे शरीर में ग्राही का क्या कार्य है? ऐसी स्थिति पर विचार कीजिए जहाँ ग्राही उचित प्रकार से कार्य नहीं कर रहे हों। क्या समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं?
उत्तर – ग्राही सवेदनशील अगो में होती है। ये पर्यावरण से सूचनाएँ ग्रहण करते है। इनके द्वारा व्यकित पर्यावरण से स्वयं संतुलित करता है यदि ये उचित तरीके से कार्य न करें तो मस्तिष्क सूचनाएँ ग्रहण नहीँ कर पायेगा या देर से करेगा अतः व्यकित असुरक्षित हो जाएगा।
5. एक तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) की संरचना बनाइए तथा इसके कार्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर – तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) तंत्रिका तंत्र की क्रियात्मक व संरचनात्मक इकाई है। यह तीन हिस्सों में बँटी होती है।
(i) द्रुमिका (ii) कोशिकाय (iii) एक्सॉन
तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) संदेशों का संवहन करने वाली मूल इकाई है। यह विशेष रूप से लंबी होती है। इसमें जीव द्रव्य से घिरा हुआ केंद्रक होता है। जीव द्रव्य से डेंड्राइटस नामक अनेक छोटी-छोटी शाखाएँ निकलती हैं। इन शाखाओं में से एक शाखा अधिक लंबी होती है। इसे एक्सॉन कहते हैं। यह संदेशों को कोशिका से दूर ले जाता है। कोई भी तंत्रिका कोशिका सीधी दूसरी तंत्रिका कोशिका से जुड़ी हुई नहीं होती। इनके बीच कुछ रिक्त स्थान होता है जिसमें बहुत-ही समीप का संवहन होता है इसे अंतर्ग्रथन कहते हैं। यदि हमारे पैर में दर्द है तो इसकी सूचना पैर में स्थित संवेदी तंत्रिका कोशिका के डेंड्राइट ग्रहण करते हैं। तंत्रिका कोशिका उसे विद्युत संकेत में बदल देती है। यह विद्युत संकेत तंत्रिकाक्ष के द्वारा प्रवाहित होता है। अंतर्ग्रथन में होता हुआ यह मस्तिष्क तक पहँचता है। मस्तिष्क संदेश ग्रहण कर उस पर अनुक्रिया करता है। प्रेरक तंत्रिका इस अनुक्रिया को पैर की पेशियों तक पहँचाती है और पैर की पेशियां उचित अनुक्रिया करती हैं।
तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) तीन प्रकार की हैं –
संवेदी तंत्रिकोशिका – शरीर के विभिन्न भागों से यह संवेदनाओं को मस्तिष्क की ओर ले जाती है।
प्रेरक तंत्रिकोशिका – यह मस्तिष्क से आदेशों को पेशियों तक पहुँचाती है।
बहुध्रुवी तंत्रिकोशिका-यह संवेदनाओं को मस्तिष्क की तरफ और मस्तिष्क से पेशियों की ओर ले जाने का कार्य करती है।
तंत्रिका कोशिका के कार्य –
तंत्रिका कोशिका आपस में मिलकर श्रृंखलाएँ बनाती हैं। ये उद्दीपन और प्रेरणाओं को विद्युत् आवेश के रूप में द्रुत गति से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाती हैं जिससे क्रियाएँ तुरन्त सम्पन्न हो जाती हैं।
तंत्रिका कोशिका का अन्य कार्य अवचेतन मस्तिष्क से जुड़े रहना भी है गौरतलब है कि अवचेतन मस्तिष्क मनुष्य के जीवन से जुड़ी सभी यादों को सुरक्षित एवं संग्रहित करके रखता है। इस कारण तंत्रिका कोशिका का कार्य अनेकों क्षणों की प्रतिमा पहुँचाना भी है।
6. पादप में प्रकाशानुवर्तन किस प्रकार होता है?
उत्तर – जड़ प्रकाश के विपरीत मुड़कर अनुक्रिया करती है तथा तने प्रकाश की दिशा में मुड़कर, इसे प्रकाशावर्तन कहते है। पादप में ऑकिस्न हॉर्मोन स्त्रावित होता है। यह सूर्य के प्रकाश में तने के अंधेरमय भाग में आ जाता है और वहाँ की कोशिकोओं को लंबा कर उन्हें प्रकाश की ओर झुका जाता है। इसे घनात्मक प्रकाशावर्तन कहते है। जड़े ऋणात्मक दर्शाती है।
7. मेरुरज्जु आघात में किन संकेतों के आने में व्यवधान होगा?
उत्तर – प्रतिवर्ती क्रियाएँ सम्पन्न नहीं हो पाएंगी। इसके अलावा सभी सूचनाएँ ठीक प्रकार से संचारित नहीं होगी।
8. पादप में रासायनिक समन्वय किस प्रकार होता है?
उत्तर – पादप कोशिकाएँ हार्मोन स्त्रावित करती है। ये हार्मोन वृद्धि, विकास तथा विभाजन को निंयत्रित करते है। ये हार्मोन ही रासायनिक समन्वय स्थापित करते है।
9. एक जीव में नियंत्रण एवं समन्वय के तंत्र की क्या आवश्यकता है?
उत्तर – यदि जीव में नियंत्रण एंव समन्वय का तंत्र न हो तो कोशिकाएँ जीव की इच्छानुसार कार्य नहीं करेंगी। अतः इन पर नियंन्त्रण अति आवश्यक है। बहुकोशिकीय जीवों में सामान्य क्रियाओं के लिए यह प्रभावशाली है।
10. अनैच्छिक क्रियाएँ तथा प्रतिवर्ती क्रियाएँ एक-दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं?
उत्तर –
प्रतिवर्ती क्रियाएँ – वे क्रियाएँ हैं, जो बाहरी संवेदना के उत्तर में तुरंत और अपने-आप हो जाती हैं, प्रतिवर्ती क्रियाएँ कहलाती है। इन पर मस्तिष्क का कोई नियंत्रण नहीं होता। ये मेरुरज्जु के द्वारा नियंत्रित की जाती हैं। प्रतिवर्ती क्रियाएँ स्वायत्त प्रेरक के प्रत्युत्तर होती हैं।
अनैच्छिक क्रियाएँ – ये क्रियाएँ भी प्राणियों की इच्छा से चालित नहीं होतीं लेकिन इनका संचालन मध्यमस्तिष्क और पश्चमस्तिष्क के द्वारा किया जाता है।
11. जंतुओं में नियंत्रण एवं समन्वय के लिए तंत्रिका तथा हॉर्मोन क्रियाविधि की तुलना तथा व्यतिरेक (CONTRAST) कीजिए।
उत्तर – तंत्रिका क्रिया विधि
(i) तंत्रिका तंत्र संवेदी सूचनाएँ प्राप्त कर अपना संदेश भेजता है तथा नियंत्रण करता है।
(ii) शरीर में तंत्रिका तंत्र अपना जाल बना लेता है तथा इसकी अपनी संरचनात्मक इकाई होती है।
प्रतिवर्ती क्रियाएँ
(i) शरीर के अंगो में महत्वपूर्ण ग्रंथि ही हार्मोन स्त्रावित होते है ये हार्मोन कई क्रियाएँ उदाहरण – वृद्धि, विकास, जनन आदि को नियंत्रित करते है।
(ii) हार्मोन स्वयं ही शरीर में स्त्रावित होते है।
12. छुई-मुई पादप में गति तथा हमारी टाँग में होने वाली गति के तरीके में क्या अंतर है?
उत्तर –
छुई-मुई पादप में गति –
(i) इस पौधे में गति का आधार स्पर्श है।
(ii) यहाँ गति पतियों के झुकने व खिलने पर आधारित है।
(iii) यहाँ पतियोंके आकार में भी परिवर्तन होता है।
हमारी टाँग में होने वाली गति –
(i) इसमें गति का आधार मानव तंत्रिका तंत्र है।
(ii) यहाँ गति पेशियों के सिकुड़ने व फैलने पर आधारित है।
(iii) यहाँ पैर या उसकी पेशियों के आकार में कोई परिवर्तन नहीं है।