NCERT Solutions for Class 9 Sanskrit Chapter 3 Godahanam | कक्षा 9 तृतीया: पाठ: गोदाहनम्
ncert solutions for class 9 sanskrit Godahanam (Shemushi Prathmo) Chapter 3 (गोदाहनम्). Here We learn what is in this lesson गोदाहनम् and how to solve questions एनसीइआरटी शेमुषी प्रथमो भाग: नवमकक्षाया: संस्कृतपाठ्यपुस्तकम् तृतीया: पाठ: भारतीवसन्तगीति: के प्रश्न उत्तर और हिंदी अनुवाद सम्मिलित है।
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NCERT SOLUTIONS FOR CLASS 9 Sanskrit
Shemushi Prathmo Bhagam
कक्षा – 9 नवमकक्षाया:
पाठ – 3 तृतीया: पाठ:
गोदाहनम्
संस्कृतपाठयपुस्तकम्
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गोदाहनम् पाठ के प्रश्न उत्तर
एकपदेन उत्तरं लिखत –
(क) मल्लिका पूजार्थं सखीभि: सह कुत्र गच्छति स्म ?
उत्तरम् – काशीविश्वनाथमन्दिरं
(ख) उमाया: पितामहेन कति सेटकमितं दुग्धम् अपेक्ष्यते स्म ?
उत्तरम् – त्रिशत
(ग) कुम्भकार: घटान् किमर्थं रचयति ?
उत्तरम् – जीविकाहेतु:।
उत्तरम् – मोदकनि
उत्तरम् – चन्दन:।
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2. पूर्ण वाक्येन उत्तरं लिखत –
(क) मल्लिका चन्दनच्श्र मासपर्यन्तं धेनोः कथम् अकुताम् ?
उत्तरम् – मल्लिकाच्श्र चन्दन मासपर्यन्तं दुग्धदोहनं विहाय केवलं नन्दिन्या: सेवाम् एव अकुरुताम्।
3. रेखांकित आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत –
4. मञ्जूषाया: सहायता भावार्थे रिक्तस्थानानि पुरयत –
गृहव्यवस्थायै, उत्पादयेत्, समर्थक:, धर्मयात्राया:, मङ्गलकामनाम्, कल्याणकारिण:।।
(घ) मल्लिका पूजार्थ मोदकानि रचयति।
(क) सा सखीभि: सह तीर्थयात्रायै काशीविश्वनाथंमन्दिरं प्रति गच्छति।
(ग) उमा मासान्ते उत्सवार्थं दुधस्य आवश्यकताविषये चन्दनं सूचयति।
(ज) चन्दनस्य पत्नी तीर्थयात्रां समाप्य गृहं प्रत्यागच्छति।
(ख) उभौ नंदिन्या: सर्वविधपरिचर्या कुरुत:।
(छ) चन्दन: उत्सवसमये अधिकं दुग्धं प्राप्तुं मासपर्यन्तं दोहनं न् करोति।
6. अधोलिखितानि वाक्यानि क: कं प्रति कथयति इति प्रदत्तस्थाने लिखत –
उदाहरणम् – | क:/का | कं/काम् |
स्वामिन् ! प्रत्यागता अहम् ! आस्वादय प्रसादम् ! | मल्लिका | चन्दनं प्रति |
(क) धन्यवाद मातुल ! याम्यधुना। | …………… | …………… |
(ख) त्रिसेटकमितं दुग्धम्। शोभनम्। व्यवस्था भविष्यति। | …………… | …………… |
(ग) मूल्यं तु दुग्धं विक्रियैव दातुंं शक्यते। | …………… | …………… |
(घ) पुत्रिके! नाहं पापकर्म करोमि। | …………… | …………… |
(ङ) देवि! मयापि ज्ञातं यदस्माभि: सर्वथानुचितं कृतम्। | …………… | …………… |
उत्तरम् –
उदाहरणम् – | क:/का | कं/काम् |
स्वामिन् ! प्रत्यागता अहम् ! आस्वादय प्रसादम् ! | मल्लिका | चन्दनं प्रति |
(क) धन्यवाद मातुल ! याम्यधुना। | उमा | चन्दनं प्रति |
(ख) त्रिसेटकमितं दुग्धम्। शोभनम्। व्यवस्था भविष्यति। | चन्दन: | उमांं प्रति |
(ग) मूल्यं तु दुग्धं विक्रियैव दातुंं शक्यते। | चन्दन: | देवेशं प्रति |
(घ) पुत्रिके! नाहं पापकर्म करोमि। |
देवेश:
|
मल्लिकांं प्रति |
(ङ) देवि! मयापि ज्ञातं यदस्माभि: सर्वथानुचितं कृतम्। | चन्दन: | मल्लिकांं प्रति |
7. पाठस्य आधारेण प्रदत्त पदानां सन्धिंं/सन्धिच्छेदं वा कुरुत –
(क) शिवास्ते = | …………… + | …………….. |
(ख) मन: हर: = | …………… + | …………….. |
(ग) सप्ताहान्ते = | …………… + | …………….. |
(घ) नेच्छामि = | …………… + | …………….. |
(ङ) अत्युत्तम: = | …………… + | …………….. |
उत्तरम् –
(क) शिवास्ते | = | शिवा: | + | ते। |
(ख) मन: हर: | = | मनोहर:। | ||
(ग) सप्ताहान्ते | = | सप्ताह | + | अन्ते। |
(घ) नेच्छामि | = | न | + | इच्छामि। |
(ङ) अत्युत्तम: | = | अति | + | उत्तम:। |
(अ) पाठाधारेण अधोलिखितपदानां प्रकृति-प्रत्ययं च संयोज्य/विभज्य वा लिखत –
(क) करणीयम् | = | …………….. | + | …………….. |
(ख) वि + क्री + ल्यप | = | ……………………………….. | ||
(ग) पठितम् | = | …………….. | + | …………….. |
(घ) ताडय् + क्त्वा | = | ……………………………….. | ||
(ङ) दोग्धुम् | = | …………….. | + | …………….. |
उत्तरम् –
(क) करणीयम् | = | कृ | + | अनियर् |
(ख) वि + क्री + ल्यप | = | विक्रिय। | ||
(ग) पठितम् | = | पठ | + | क्त। |
(घ) ताडय् + क्त्वा | = | तदयित्वा। | ||
(ङ) दोग्धुम् | = | दुह् | + | तुमुन्। |
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