NCERT Solutions for Class 8 Science Chapter 6 Combustion and flame | एनसीइआरटी कक्षा 8 विज्ञान पाठ 6 दहन और ज्वाला प्रश्न-उत्तर
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NCERT SOLUTIONS FOR CLASS 8 SCIENCE Chapter 6
Class 8th Science
Combustion and flame
कक्षा – 8
विषय – विज्ञान
पाठ – 6
पौधें एवं जंतुओं का संरक्षण
NCERT Solutions for Class 8 science Chapter 6 Combustion and flame in Hindi
पौधें एवं जंतुओं का संरक्षण पाठ के प्रश्न-उत्तर हिंदी में –
class 8 science solution Chapter 6 Combustion and flame पौधें एवं जंतुओं का संरक्षण के प्रश्न-उत्तर
NCERT class 8th science Chapter 6 Combustion and flame | पौधें एवं जंतुओं का संरक्षण अभ्यास प्रश्न
अभ्यास-प्रश्न
1. दहन की परिस्थितियों की सूची बनाइए।
उत्तर – दहन के लिए आवश्यक परिस्थितियां –
ईंधन,
ऊष्मा (ईंधन का ताप उसके ज्वलन ताप से अधिक करने हेतु) और
ऑक्सीजन की उपस्थिति है।
2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(क) लकड़ी और कोयला जलने से वायु का प्रदुषण होता है।
(ख) घरों में काम आने वाला एक द्रव ईंधन एलपीजी है।
(ग) जलना प्रारम्भ होने से पहले ईंधन को उसके ज्वलन ताप तक गर्म करना आवश्यक है।
(घ) तेल द्वारा उत्पन्न आग को पानी द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता।
3. समझाइए कि मोटर वाहनों में सीएनजी के उपयोग से हमारे शहरों का प्रदुषण किस प्रकार काम हुआ है।
उत्तर – मोटर वाहनों में ईंधन के रूप में डीजल और पेट्रोल का स्थान अब सीएनजी (संपीडित प्राकृतिक गैस) ले रही है क्योंकि सीएनजी सल्फर और नाइट्रोजन के ऑक्साइडों का उत्पादन अल्प मात्रा में करती है। सीएनजी एक अधिक स्वच्छ ईंधन है।
4. ईंधन के रूप से एलपीजी और लकड़ी कि तुलना कीजिए।
उत्तर –
एलपीजी | लकड़ी |
इसका ज्वलनांक कम होता है। | इसका ज्वलनांक अधिक होता है। |
यह बिना धुएँ के जलती है। | इसके जलने में अधिक धुआँ उत्पन्न होता है। |
कोई विषैली गैस नहीं निकलती है। | इसके जलने पर CO2 तथा CO उत्पन्न होती है। |
इसका उष्मीय मान अधिक होता है। | इसका उष्मीय मान कम होता है। |
जलने के पश्चात कोई अवशेष नहीं बचता है। | जलने के पश्चात अवशेष के रूप में राख बचती है। |
5. कारण बताइए –
(क) विद्युत उपकरण से संबद्ध आग पर नियंत्रण पाने हेतु जल का उपयोग नहीं किया जाता।
(ख) एलपीजी लकड़ी से अच्छा घरेलू ईंधन है।
(ग) कागज़ स्वयं सरलता से आग पकड़ लेता है जबकि ऐलुमिनियम पाइप के चारों ओर लपेटा गया कागज़ का टुकड़ा आग नहीं पकड़ता।
उत्तर –
(क) विद्युत उपकरण से संबद्ध आग पर नियंत्रण पाने हेतु जल का उपयोग नहीं किया जाता।
जल सबसे अधिक प्रचलित अग्निशामक है। परन्तु जल तभी कार्य कर पता है जब लकड़ी और कागज़ जैसी वस्तुओं में आग लगी हो। यदि विद्युत उपकरणों में आग लगी हो तो जल विद्युत का चालन कर सकता है और आग बुझाने वालों को हानि हो सकती है। उन्हें विद्युत का झटका लगने कि सम्भावना होती है। अतः विद्युत उपकरण से संबद्ध आग पर नियंत्रण पाने हेतु जल का उपयोग नहीं किया जाता।
(ख) एलपीजी लकड़ी से अच्छा घरेलू ईंधन है।
एलपीजी का ज्वलनांक लकड़ी कि तुलना में कम होता है। जिससे ये जल्दी जल जाती है। जब लकड़ी को जलाया जाता है तो जलने पर यह अधिक धुआँ उत्पन्न करता है और CO तथा CO2 गैस निकलती है। जबकि एलपीजी बिना धुएँ के साथ जलता है और ना ही कोई विषैली गैस निकलती है। लकड़ी जलने के बाद अवशेष के रूप में राख में बदल जाती है। जबकि एलपीजी में जलने के बाद कोई अवशेष नहीं बचता है। अतः एलपीजी लकड़ी से अच्छा घरेलू ईंधन है।
(ग) कागज़ स्वयं सरलता से आग पकड़ लेता है जबकि ऐलुमिनियम पाइप के चारों ओर लपेटा गया कागज़ का टुकड़ा आग नहीं पकड़ता।
ऐलुमिनियम एक धातु है। धातु ऊष्मा का अच्छा सुचालक होता है। जब कागज़ को जलाया जाता है तो कागज़ का ताप बढ़ने लगता है उस समय ऐलुमिनियम कागज़ कि ऊष्मा को अवशोषित कर लेता है और उसके ज्वलन ताप तक नहीं पहुँचने देता है। यही कारण है कि जब ऐलुमिनियम के चारों ओर लपेटे गए कागज़ को जलाया जाता है तो वह आग नहीं पकड़ता है।
6. मोमबत्ती कि ज्वाला का चिह्नित चित्र बनाइए।
उत्तर –
6. ईंधन के उष्मीय मान को किस मात्रक द्वारा प्रदर्शित किया जाता है ?
उत्तर – ईंधन के उष्मीय मान को किलो जूल प्रति किलोग्राम (kj/kg) मात्रक द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
8. समझाइए कि CO2 किस प्रकार आग को नियंत्रित करती है।
उत्तर – ऑक्सीजन से भारी होने के कारण CO2 आग को एक कम्बल कि तरह लपेट लेती है। इससे ईंधन और ऑक्सीजन के बीच संपर्क टूट जाता है। जब सिलेंडरों से छोड़े जाने पर CO2 बहुत अधिक फैलती है और ठंडी हो जाती है। अतः न केवल आग को चारों और से घेर लेती है बल्कि ईंधन के ताप को भी नीचे ले आती है। अतः आग पर नियंत्रण हो जाता है।
9. हरी पत्तियों के ढेर को जलाना कठिन होता है परन्तु सूखी पत्तियों में आग आसानी से लग जाती है, समझाइए।
उत्तर – हरी पत्तियों में पानी की मात्रा अधिक होती है। जिस कारण पत्तियों को जलाने के लिए दी जाने वाली ऊष्मा पानी द्वारा अवशोषित होकर वाष्प में बदलती रहती है। ऊष्मा का अवशोषण होने के कारण पत्तियाँ उनके ज्वलन ताप तक नहीं पहुँच पाती है। अतः उन्हें जलाना कठिन होता है।
इसके विपरीत सूखी पत्तियों में पानी की मात्रा न के बराबर होती है। जिससे की वह तुरंत ही ज्वलन ताप तक पहुँच जाती है और जल जाती है।
10. सोने और चाँदी को पिघलाने के लिए स्वर्णकार ज्वाला के किस क्षेत्र का उपयोग करते हैं और क्यों ?
उत्तर – सोने और चाँदी को पिघलाने के लिए स्वर्णकार ज्वाला के नीली लौ वाले अदीप्त क्षेत्र का उपयोग करते है। इसका कारण यह है कि यह क्षेत्र सबसे गर्म क्षेत्र होता है। सोने और चाँदी जैसी धातुओं का गलनांक उच्च होता है। जिसके कारण इन्हे पिघलाने के लिए अधिक ऊष्मा कि आवश्यकता होती है। अतः सोने और चाँदी को पिघलाने के लिए स्वर्णकार ज्वाला के नीली लौ वाले अदीप्त क्षेत्र का उपयोग करते है।
11. एक प्रयोग में 4.5 kg ईंधन का पूर्णतया दहन किया गया। उत्पन्न ऊष्मा का माप 180,000 kj था। ईंधन का उष्मीय मान परिकलित कीजिए।
उत्तर – उत्पन्न ऊष्मा = 180,000 kj
ईंधन का द्रव्यमान = 4.5 kg
प्रति किलो ऊष्मा का मान (उष्मीय मान) = \(\displaystyle \frac{{180000}}{{4.5}}\)
= 40,000 kj/kg
ईंधन का उष्मीय मान = 40,000 kj/kg होगा।
12. क्या जंग लगने के प्रक्रम को दहन कहा जा सकता है ? विवेचना कीजिए।
उत्तर – जंग लगने के प्रक्रम को दहन नहीं कहा जा सकता है, क्योंकि दहन एक तीव्र प्रक्रम है जिसमे ज्वाला उत्पन्न होती है जबकि जंग लग्न एक मंद प्रक्रम है जिसमे ज्वाला उत्पन्न नहीं होती है।
13. आबिदा और रमेश ने एक प्रयोग किया जिसमें बीकर में रखे जल को गर्म किया गया। आबिदा ने बीकर को मोमबत्ती ज्वाला के पीले भाग के पास रखा। रमेश ने बीकर को ज्वाला के सबसे बाहरी भाग के पास रखा। किसका पानी कम समय में गर्म हो जाएगा ?
उत्तर – रमेश के बीकर का पानी जल्द गर्म हो जाएगा। इसका कारण यह है कि मोमबत्ती कि ज्वाला का सबसे बाहरी भाग अर्थात नीली ज्वाला अपेक्षाकृत पीली ज्वाला से अधिक गर्म होती है। यही कारण है कि रमेश के बीकर का पानी आबिदा के बीकर के पानी से जल्दी गर्म हो जाएगा।