Ncert Solutions for Class 10 Science Chapter 10 Light – Reflection and Refraction | कक्षा 10 विज्ञान पाठ 10 प्रकाश परावर्तन तथा अपवर्तन
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NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 10
पाठ – 10
Light – Reflection and Refraction
प्रकाश परावर्तन तथा अपवर्तन
विज्ञान
Class 10 Science Chapter 10 Light – Reflection and Refraction Question Answer
class 10 science chapter 10 question answer in hindi
प्रश्न
1. अवतल दर्पण के मुख्य फोकस की परिभाषा लिखिए।
उत्तर – अवतल दर्पण के मुख्य अक्ष के समांतर आपतित सभी किरणें परावर्तित होकर मुख्य अक्ष के एक बिंदु पर प्रतिच्छेद करती हैं। यह बिंदु अवतल दर्पण का मुख्य फोकस कहलाता है।
2. एक गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या 20 cm है। इसकी फोकस दूरी क्या होगी?
उत्तर –
\(\displaystyle f=\frac{R}{2}\)
\(\displaystyle f=\frac{20}{2}\)
f = 10 cm
अत: दिए गए गोलीय दर्पण की फोकस दूरी 10 सेमी है।
3. उस दर्पण का नाम बताइए जो बिंब का सीधा तथा आवर्धित प्रतिबिंब बना सके।
उत्तर – अवतल दर्पण, जब अवतल दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच बिंब को रखते है तो यह सीधा तथा आवर्धित प्रतिबिंब बनाता है।
4. हम वाहनों में उत्तल दर्पण को पश्च-दृश्य दर्पण के रूप में वरीयता क्यों देते हैं?
उत्तर – वाहनों में उत्तल दर्पण को पश्च-दृश्य दर्पण के रूप में वरीयता निम्न कारणों से देते हैं –
- यह सदैव सीधा एवं छोटा प्रतिबिंब बनाते हैं।
- इनका दृष्टि-क्षेत्र बहुत अधिक होता है क्योंकि ये बाहर की ओर वक्रित होते हैं। अतः समतल दर्पण की तुलना में उत्तल दर्पण ड्राइवर को अपने पीछे के बहुत बड़े क्षेत्र को देखने में सक्षम बनाते हैं।
1. उस उत्तल दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए जिसकी वक्रता-त्रिज्या 32 cm है।
उत्तर – उत्तल दर्पण में –
वक्रता त्रिज्या R = 32 cm
वक्रता त्रिज्या = 2 × फोकस दूरी
\(\displaystyle f=\frac{32}{2}\)= 16 cm
अत: उस उत्तल दर्पण की फोकस दूरी = 16 cm है।
2. कोई अवतल दर्पण आपने सामने 10 cm दूरी पर रखे किसी बिंब का तीन गुणा आवर्धित (बड़ा) वास्तविक प्रतिबिंब बनाता है। प्रतिबिंब दर्पण से कितनी दूरी पर है।
उत्तर – गोलीय दर्पण द्वारा उत्पन्न आवर्धन संबंध निम्न सूत्र द्वारा दिया जा सकता है –
अवतल दर्पण में,
बिंब की दुरी (u) = – 10 cm
आवर्धन (m) = – 3 [चूँकि प्रतिबिंब वास्तविक है।]
\(\displaystyle \begin{array}{l}m=\frac{{{{h}_{i}}}}{{{{h}_{o}}}}=-\frac{v}{u}\\m=-\frac{v}{u}\\-3=-\frac{v}{{(-10)}}\\-3=\frac{v}{{10}}\\v=-30\,cm\end{array}\)
यहाँ ऋणात्मक चिन्ह इंगित करता है कि दिए गए अवतल दर्पण के सामने 30 सेमी की दूरी पर एक उल्टा प्रतिबिंब बनता है।
1. वायु में गमन करती प्रकाश की एक किरण जल में तिरछी प्रवेश करती है। क्या प्रकाश किरण अभिलंब की ओर झुकेगी अथवा अभिलंब से दूर हटेगी? बताइए क्यों?
उत्तर – प्रकाश की किरण जब वायु से जल में गमन करती है तो यह अभिलंब की ओर झुकेगी, क्योंकि जल, वायु की तुलना में सघन माध्यम है। अर्थात् प्रकाश की किरणें विरल से सघन माध्यम में प्रवेश करने पर अभिलंब की ओर झुकेगी।
2. प्रकाश वायु से 1.50 अपवर्तनांक की काँच की प्लेट में प्रवेश करता है। काँच में प्रकाश की चाल कितनी है? निर्वात में प्रकाश की चाल 3 × 108 m/s है।
उत्तर – काँच की प्लेट की अपवर्तनांक (nm) = 1.50
माध्यम1 में प्रकाश की चाल (V1) = 3 × 108 m/s
माध्यम2 में प्रकाश की चाल (V2) = ?
माध्यम1 के सापेक्ष माध्यम2 का अपवर्तनांक
\(\displaystyle \begin{array}{l}{{n}_{m}}=\frac{{{{V}_{1}}}}{{{{V}_{2}}}}\\1.50=\frac{{3\times {{{10}}^{8}}}}{{{{V}_{2}}}}\end{array}\)
V2 = 2 × 108 m/s
अतः काँच में प्रकाश की चाल 2 × 108 m/s होगी।
3. निम्न सारणी (10.3) से अधिकतम प्रकाशिक घनत्व के माध्यम को ज्ञात कीजिए। न्यूनतम प्रकाशिक घनत्व के माध्यम को भी ज्ञात कीजिए।
द्रव्यात्मक माध्यम | अपवर्तनांक | द्रव्यात्मक माध्यम | अपवर्तनांक |
वायु | 1.0003 | कनाडा बालसम | 1.53 |
बर्फ़ | 1.31 | खनिज नमक | 1.54 |
जल | 1.33 | कार्बन डाईसल्फाइड | 1.63 |
ऐल्कोहॉल | 1.36 | सघन फ्लिंट काँच | 1.65 |
किरोसिन | 1.44 | रुबी (मणिक्य) | 1.71 |
संगलित क्वार्ट्ज़ | 1.46 | नीलम | 1.77 |
तारपीन का तेल | 1.47 | हीरा | 2.42 |
बेंजीन | 1.50 | ||
क्राउन काँच | 1.52 |
उत्तर – अधिकतम प्रकाशिक घनत्व के माध्यम हीरा है जिसका अपवर्तनांक 2.42 है।
न्यूनतम प्रकाशिक घनत्व के माध्यम वायु है जिसका अपवर्तनांक 1.0003 है।
4. आपको किरोसिन, तारपीन का तेल तथा जल दिए गए हैं। इनमें से किसमें प्रकाश सबसे अधिक तीव्र गति से चलता है? निम्न सारणी (10.3) में दिए गए आँकड़ों का उपयोग कीजिए।
द्रव्यात्मक माध्यम | अपवर्तनांक | द्रव्यात्मक माध्यम | अपवर्तनांक |
वायु | 1.0003 | कनाडा बालसम | 1.53 |
बर्फ़ | 1.31 | खनिज नमक | 1.54 |
जल | 1.33 | कार्बन डाईसल्फाइड | 1.63 |
ऐल्कोहॉल | 1.36 | सघन फ्लिंट काँच | 1.65 |
किरोसिन | 1.44 | रुबी (मणिक्य) | 1.71 |
संगलित क्वार्ट्ज़ | 1.46 | नीलम | 1.77 |
तारपीन का तेल | 1.47 | हीरा | 2.42 |
बेंजीन | 1.50 | ||
क्राउन काँच | 1.52 |
उत्तर – किसी माध्यम में प्रकाश की गति अपवर्तनांक (nm) के संबंध द्वारा दी जाती है। संबंध इस प्रकार दिया गया है –
\(\displaystyle {{n}_{m}}=\frac{{{{V}_{1}}}}{{{{V}_{2}}}}\)
\(\displaystyle \begin{array}{l}{{V}_{2}}=\frac{{{{V}_{1}}}}{{{{n}_{m}}}}\\{{V}_{2}}\propto \frac{1}{{{{n}_{m}}}}\end{array}\)
अतः उपर्युक्त सारणी से –
किरोसिन का अपवर्तनांक = 1.44
तारपीन का अपवर्तनांक = 1.47
जल का अपवर्तनांक = 1.33
इसमें जल में प्रकाश की चाल सबसे अधिक है और तारपीन के तेल में प्रकाश की चाल सबसे कम है क्योंकि जिसका अपवर्तनांक जितना अधिक होगा उस माध्यम में प्रकाश की चाल उतनी ही कम होगी और जिस माध्यम का अपवर्तनांक जितना कम होगा उसमें प्रकाश की चाल उतनी ही अधिक होगी।
5. हीरे का अपवर्तनांक 2.42 है। इस कथन का क्या अभिप्राय है?
उत्तर – यदि वायु में प्रकाश की चाल c है तथा माध्यम में प्रकाश की चाल v है तब माध्यम का अपवर्तनांक nm होगा :
\(\displaystyle {{n}_{m}}=\frac{c}{v}\)
जहाँ c निर्वात/वायु में प्रकाश की चाल
हीरे का अपवर्तनांक 2.42 है। इस कथन का अभिप्राय यह है कि हीरा का प्रकाशिक घनत्व अधिक है जिससे यह एक कठोर पदार्थ है इसमें प्रकाश की चाल सबसे कम है।
1. किसी लेंस की 1 डाइऑप्टर क्षमता को परिभाषित कीजिए।
उत्तर – किसी लेंस की 1 डाइऑप्टर उस लेंस की वह क्षमता है, जिसकी फोकस दूरी 1 मीटर हो।
अर्थात् 1 D =1 m-1 होती है।
2. कोई उत्तल लेंस किसी सुई का वास्तविक तथा उलटा प्रतिबिंब उस लेंस से 50 cm दूर बनाता है। यह सुई, उत्तल लेंस के सामने कहाँ रखी है, यदि इसका प्रतिबिंब उसी साइज़ का बन रहा है जिस साइज का बिंब है। लेंस की क्षमता भी ज्ञात कीजिए।
उत्तर – जब किसी वस्तु को उत्तल लेंस के वक्रता केंद्र 2F1 पर रखा जाता है, तो उसका प्रतिबिंब लेंस के दूसरी ओर वक्रता केंद्र 2F2 पर बनता है। प्राप्त प्रतिबिम्ब उलटा और वस्तु के समान आकार की है, जैसा कि दिए गए चित्र में दिखाया गया है।
यहाँ दिया गया है कि सुई का प्रतिबिम्ब उत्तल लेंस से 50 सेमी की दूरी पर बनता है। इसलिए, सुई को लेंस के सामने 50 सेमी की दूरी पर रखा जाता है।
उत्तल लेंस में –
प्रतिबिंब वास्तविक एवं उल्टा है |
अत: प्रतिबिम्ब की दूरी (v) = 50 cm
बिंब की ऊंचाई (h) = प्रतिबिंब की ऊंचाई (h’)
वस्तु की दूरी u = – 50
लेंस सूत्र के अनुसार –
\(\displaystyle \frac{1}{v}-\frac{1}{u}=\frac{1}{f}\)
या \(\displaystyle \frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\)
\(\displaystyle \begin{array}{l}\frac{1}{f}=\frac{1}{{50}}-\left( {\frac{1}{{-50}}} \right)\\\frac{1}{f}=\frac{1}{{50}}+\frac{1}{{50}}\\\frac{1}{f}=\frac{{1+1}}{{50}}\\\frac{1}{f}=\frac{2}{{50}}\\f=\frac{{50}}{2}\end{array}\)
f = 25 cm
फोकस दूरी = 25 cm
या 0.25 m
लेंस की क्षमता = \(\displaystyle \frac{1}{f}\)
\(\displaystyle \begin{array}{l}=\frac{1}{{0.25}}\\=\frac{{100}}{{25}}\end{array}\)
= 4
अतः लेंस की क्षमता = 4 D
3. 2 m फोकस दूरी वाले किसी अवतल लेंस की क्षमता ज्ञात कीजिए।
उत्तर – अवतल लेंस की फोकस दूरी = – 2 m
लेंस की क्षमता = \(\displaystyle \frac{1}{f}\)
\(\displaystyle =\frac{1}{{-2}}\)
= – 0.5
अतः लेंस की क्षमता = – 0.5 D है।
अभ्यास
1. निम्न में से कौन-सा पदार्थ लेंस बनाने के लिए प्रयुक्त नहीं किया जा सकता?
(a) जल | (b) काँच | (c) प्लास्टिक | (d) मिट्टी |
उत्तर – (d) मिट्टी
2. किसी बिंब का अवतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब आभासी, सीधा तथा बिंब से बड़ा पाया गया। वस्तु की स्थिति कहाँ होनी चाहिए?
(a) मुख्य फोकस तथा वक्रता केंद्र के बीच
(b) वक्रता केंद्र पर
(c) वक्रता केंद्र से परे
(d) दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच
उत्तर – (a) मुख्य फोकस तथा वक्रता केंद्र के बीच
3. किसी बिंब का वास्तविक तथा समान साइज का प्रतिबिंब प्राप्त करने के लिए बिंब को उत्तल लेंस के सामने कहाँ रखें?
(a) लेंस के मुख्य फोकस पर
(b) फोकस दूरी की दोगुनी दूरी पर
(c) अनंत पर
(d) लेंस के प्रकाशिक केंद्र तथा मुख्य फोकस के बीच
उत्तर – (b) फोकस दूरी की दोगुनी दूरी पर
4. किसी गोलीय दर्पण तथा किसी पतले गोलीय लेंस दोनों की फोकस दूरियाँ – 15 cm हैं। दर्पण तथा लेंस संभवतः हैं –
(a) दोनों अवतल
(b) दोनों उत्तल
(c) दर्पण अवतल तथा लेंस उत्तल
(d) दर्पण उत्तल तथा लेंस अवतल
उत्तर – (a) दोनों अवतल
5. किसी दर्पण से आप चाहे कितनी ही दूरी पर खड़े हों, आपका प्रतिबिंब सदैव सीधा प्रतीत होता है। संभवतः दर्पण है –
(a) केवल समतल
(b) केवल अवतल
(c) केवल उत्तल
(d) या तो समतल अथवा उत्तल
उत्तर – (d) या तो समतल अथवा उत्तल
6. किसी शब्दकोष (dictionary) में पाए गए छोटे अक्षरों को पढ़ते समय आप निम्न में से कौन-सा लेंस पसंद करेंगे?
(a) 50 cm फोकस दूरी का एक उत्तल लेंस
(b) 50 cm फोकस दूरी का एक अवतल लेंस
(c) 5 cm फोकस दूरी का एक उत्तल लेंस
(d) 5 cm फोकस दूरी का एक अवतल लेंस
उत्तर – (c) 5 cm फोकस दूरी का एक उत्तल लेंस
7. 15 cm फोकस दूरी के एक अवतल दर्पण का उपयोग करके हम किसी बिंब का सीधा प्रतिबिंब बनाना चाहते हैं। बिंब का दर्पण से दूरी का परिसर (range) क्या होना चाहिए? प्रतिबिंब की प्रकृति कैसी है? प्रतिबिंब बिंब से बड़ा है अथवा छोटा? इस स्थिति में प्रतिबिंब बनने का एक किरण आरेख बनाइए।
उत्तर – वस्तु की दूरी का परिसर = 0 सेमी से 15 सेमी
जब कोई वस्तु अपने ध्रुव (P) और मुख्य फोकस (F) के बीच रखी जाती है, तो अवतल दर्पण एक सीधा प्रतिबिम्ब देता है।
अत: 15 सेमी फोकस दूरी के अवतल दर्पण से किसी वस्तु का सीधा प्रतिबिम्ब प्राप्त करने के लिए वस्तु को ध्रुव और फोकस के बीच कहीं भी रखा जा सकता है। इस प्रकार बनने वाला प्रतिबिम्ब आभासी, सीधा और प्रतिबिंब का आकार वस्तु से बड़ा होगा, जैसा कि नीचे दिए गए चित्र में दिखाया गया है।
8. निम्न स्थितियों में प्रयुक्त दर्पण का प्रकार बताइए –
(a) किसी कार का अग्र-दीप (हैड-लाइट)
(b) किसी वाहन का पार्श्व/पश्च-दृश्य दर्पण
(c) सौर भट्टी
अपने उत्तर की कारण सहित पुष्टि कीजिए।
उत्तर –
(a) किसी कार का अग्र-दीप (हैड-लाइट) – कार के हेडलाइट में अवतल दर्पण का उपयोग किया जाता है क्योंकि इसमें प्रकाश के बल्ब को अवतल दर्पण के फोकस पर रखा जाता है, जिससे परावर्तन के बाद प्रकाश का समांतर किरण पुंज प्राप्त होता है। उजाला दूर तक फैल जाता है।
(b) किसी वाहन का पार्श्व/पश्च-दृश्य दर्पण – वाहनों के साइड मिरर या पीछे देखने का आइना के लिए उत्तल दर्पण का उपयोग किया जाता है क्योंकि उत्तल दर्पण का दृष्टि-क्षेत्र विस्तृत होता है जिससे वाहनों के पीछे के बहुत बड़े क्षेत्र को देख पाता है। ये वस्तु का हमेशा सीधा प्रतिबिंब बनाते हैं जिससे देखने में आसानी होती है।
(c) सौर भट्टी – सौर भट्ठी के लिए अवतल दर्पण का उपयोग किया जाता है क्योंकि सूर्य से आती ऊष्मा ऊर्जा को बड़े बड़े अवतल दर्पणों द्वारा छोटी जगह पर केंद्रित किया जाता है और इससे प्राप्त ऊष्मा से कई प्रकार के उपयोग लिए जाते हैं।
9. किसी उत्तल लेंस का आधा भाग काले कागज से ढक दिया गया है। क्या यह लेंस किसी बिंब का पूरा प्रतिबिंब बना पाएगा? अपने उत्तर की प्रयोग द्वारा जाँच कीजिए। अपने प्रेक्षणों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर – उत्तल लेंस किसी वस्तु का पूर्ण प्रतिबिम्ब बनाता है, भले ही उसका आधा भाग काले कागज से ढका हो। इसे निम्नलिखित दो प्रकार से समझा जा सकता है।
स्थिति I : जब लेंस का ऊपरी आधा भाग ढक जाता है –
इस स्थिति में, वस्तु से आने वाली प्रकाश की किरण लेंस के निचले आधे हिस्से से अपवर्तित हो जाएगी। ये किरणें दी गई वस्तु का प्रतिबिम्ब बनाने के लिए लेंस के दूसरी ओर मिलती हैं, जैसा कि निम्नलिखित आकृति में दिखाया गया है।
स्थिति II : जब लेंस का निचला आधा भाग ढक जाता है –
इस स्थिति में, वस्तु से आने वाली प्रकाश की किरण लेंस के ऊपरी आधे हिस्से से अपवर्तित हो जाती है। ये किरणें दी गई वस्तु का प्रतिबिम्ब बनाने के लिए लेंस के दूसरी ओर मिलती हैं, जैसा कि निम्नलिखित आकृति में दिखाया गया है।
10. 5 cm लंबा कोई बिंब 10 cm फोकस दूरी के किसी अभिसारी लेंस से 25 cm दूरी पर रखा जाता है। प्रकाश किरण-आरेख खींचकर बनने वाले प्रतिबिंब की स्थिति, साइज तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए।
उत्तर – वस्तु की दूरी u = −25 सेमी
वस्तु की ऊँचाई Ho = 5 cm
फोकस दूरी f = 10 सेमी
लेंस सूत्र से –
\(\displaystyle \begin{array}{l}\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\\\frac{1}{v}=\frac{1}{f}+\frac{1}{u}\\\frac{1}{v}=\frac{1}{{10}}+\frac{1}{{-25}}\\\frac{1}{v}=\frac{{5-2}}{{10}}\\\frac{1}{v}=\frac{3}{{10}}\\v=\frac{{50}}{3}\end{array}\)
प्रतिबिंब की स्थिति : प्रतिबिंब लेंस के दूसरी ओर 16.66 cm की दूरी पर बनेगा।
v का धनात्मक मान दर्शाता है कि प्रतिबिम्ब लेंस के दूसरी ओर बनता है।
वृद्धि
\(\displaystyle m=\frac{v}{u}\)
\(\displaystyle m=\frac{{-16.66}}{{25}}\)
m = – 0.66
ऋणात्मक चिन्ह दर्शाता है कि प्रतिबिंब वास्तविक है और लेंस के पीछे बनता है।
वृद्धि
\(\displaystyle \begin{array}{l}m=\frac{{{{H}_{i}}}}{{{{H}_{o}}}}\\=\frac{{{{H}_{i}}}}{5}\end{array}\)
Hi = m × Ho
= – 0.66 × 5
m = – 3.3 cm
प्रतिबिम्ब की ऊँचाई का ऋणात्मक मान दर्शाता है कि बना प्रतिबिम्ब उल्टा है।
प्रतिबिंब की स्थिति, आकार और प्रकृति को निम्न किरण आरेख में दिखाया गया है –
11. 15 cm फोकस दूरी का कोई अवतल लेंस किसी बिंब का प्रतिबिंब लेंस से 10 cm दूरी पर बनाता है। बिंब लेंस से कितनी दूरी पर स्थित है? किरण आरेख खींचिए।
उत्तर – अवतल लेंस की फोकस दुरी (f) = – 15 cm
बिंब की दुरी (u) = ?
प्रतिबिंब की दुरी (v) = – 10 cm
लेंस सूत्र से –
\(\displaystyle \frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\)
\(\displaystyle \begin{array}{l}\frac{1}{u}=\frac{1}{v}-\frac{1}{f}\\\frac{1}{u}=\frac{1}{{-10}}-\left( {\frac{1}{{-15}}} \right)\\\frac{1}{u}=\frac{1}{{-10}}+\frac{1}{{-15}}\\\frac{1}{u}=\frac{{-3+2}}{{30}}\\\frac{1}{u}=\frac{{-1}}{{30}}\end{array}\)
v = – 30 cm
अत: बिंब को लेंस से 30 cm दूर रखेंगे।
12. 15 cm फोकस दूरी के किसी उत्तल दर्पण से कोई बिंब 10 cm दूरी पर रखा है। प्रतिबिंब की स्थिति तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए।
उत्तर – उत्तल दर्पण की फोकस दुरी = 15 cm
बिंब की दूरी = – 10 cm
लेंस सूत्र से –
\(\displaystyle \frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\)
\(\displaystyle \begin{array}{l}\frac{1}{v}=\frac{1}{{15}}-\left( {\frac{1}{{-10}}} \right)\\\frac{1}{v}=\frac{1}{{15}}+\frac{1}{{10}}\\\frac{1}{v}=\frac{{2+3}}{{30}}\\\frac{1}{v}=\frac{5}{{30}}\\v=\frac{{30}}{5}\end{array}\)
आवर्धन का धनात्मक मान दर्शाता है कि बनने वाला प्रतिबिम्ब आभासी और सीधा है।
13. एक समतल दर्पण द्वारा उत्पन्न आवर्धन + 1 है। इसका क्या अर्थ है?
उत्तर – समतल दर्पण में आवर्धन + 1 का क्या अर्थ यही है कि प्रतिबिंब का आकार वस्तु के आकार के बराबर है और m का धनात्मक चिह्न यह बताता है कि प्रतिबिंब वस्तु के सापेक्ष सीधा है।
14. 5.0 cm लंबाई का कोई बिंब 30 cm वक्रता त्रिज्या के किसी उत्तल दर्पण के सामने 20 cm दूरी पर रखा गया है। प्रतिबिंब की स्थिति, प्रकृति तथा साइज ज्ञात कीजिए।
उत्तर – प्रतिबिंब की दूरी, u = -20 सेमी
प्रतिबिंब की ऊँचाई, h = 5 cm
वक्रता त्रिज्या R = 30 सेमी
वक्रता त्रिज्या = 2 × फोकस दूरी
R = 2f
f = 15 सेमी
लेंस सूत्र से –
\(\displaystyle \begin{array}{l}\frac{1}{v}=\frac{1}{f}-\frac{1}{u}\\\frac{1}{v}+\frac{1}{u}=\frac{1}{f}\end{array}\)
\(\displaystyle \begin{array}{l}\frac{1}{v}=\frac{1}{f}-\frac{1}{u}\\\frac{1}{v}=\frac{1}{f}-\frac{1}{u}\\=\frac{1}{{15}}+\frac{1}{{20}}\\=\frac{{4+3}}{{60}}\\=\frac{7}{{60}}\end{array}\)
v = 8.57 cm
v का धनात्मक मान दर्शाता है कि प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे बनता है।
या \(\displaystyle =\frac{{{{h}^{‘}}}}{h}=\frac{v}{u}\)
\(\displaystyle \begin{array}{l}=\frac{{{{h}^{‘}}}}{5}=\frac{{-\frac{{60}}{7}}}{{-20}}\\=\frac{{h’}}{5}=\frac{3}{7}\\={{h}^{‘}}=\frac{{15}}{7}\end{array}\)
h’ = 2.2 cm
प्रतिबिम्ब की ऊँचाई का धनात्मक मान दर्शाता है कि निर्मित प्रतिबिम्ब सीधा है।
इसलिए, बनने वाला प्रतिबिंब आभासी, सीधा और आकार में छोटा होता है।
15. 7.0 cm साइज का कोई बिंब 18 cm फोकस दूरी के किसी अवतल दर्पण के सामने 27 cm दूरी पर रखा गया है। दर्पण से कितनी दूरी पर किसी परदे को रखें कि उस पर वस्तु का स्पष्ट फोकसित प्रतिबिंब प्राप्त किया जा सके। प्रतिबिंब का साइज तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए।
उत्तर – बिंब की दूरी u = – 27 cm
बिंब की ऊँचाई h = 7 cm
फोकस दूरी f = – 18 सेमी
लेंस सूत्र से –
\(\displaystyle \begin{array}{l}\frac{1}{u}+\frac{1}{v}=\frac{1}{f}\\\frac{1}{v}=\frac{1}{f}-\frac{1}{u}\\\frac{1}{v}=\frac{{-1}}{{18}}+\frac{1}{{27}}\\\frac{1}{v}=\frac{{-1}}{{54}}\end{array}\)
v = – 54 cm
परदे को दिए गए दर्पण के सामने 54 सेमी की दूरी पर रखा जाना चाहिए।
आवर्धन
\(\displaystyle \frac{{-54}}{{27}}\)
m = – 2
आवर्धन का ऋणात्मक मान यह दर्शाता है कि बनाने वाला प्रतिबिम्ब वास्तविक है।
आवर्धन
\(\displaystyle =\frac{{{{h}^{‘}}}}{h}\)
h‘ = 7 × (- 2)
h’ = – 14 cm
प्रतिबिम्ब की ऊँचाई का ऋणात्मक मान दर्शाता है कि बना प्रतिबिम्ब उल्टा है।
16. उस लेंस की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए जिसकी क्षमता – 2.0 D है। यह किस प्रकार का लेंस है?
उत्तर –
लेंस शक्ति सूत्र से – \(\displaystyle P=\frac{1}{f}\)
जहाँ P = – 2 D
\(\displaystyle f=\frac{{-1}}{2}\)
f = – 0.5 m
अत: फोकस दुरी 50 cm या 0.5 m है।
ऋणात्मक मान यह बताता है कि लेंस अपसारी लेंस अथवा अवतल लेंस है।
17. कोई डॉक्टर +1.5 D क्षमता का संशोधक लेंस निर्धारित करता है। लेंस की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए। क्या निर्धरित लेंस अभिसारी है अथवा अपसारी?
उत्तर –
लेंस शक्ति सूत्र से – \(\displaystyle P=\frac{1}{f}\)
जहाँ P = 1.5 D
\(\displaystyle \begin{array}{l}f=\frac{1}{{1.5}}\\f=\frac{{10}}{{15}}\end{array}\)
उत्तल लेंस की फोकस दूरी धनात्मक होती है। अतः यह उत्तल लेंस या अभिसारी लेंस है।