NCERTBoardBSEBBSERCBSECGBSEChapter 5Class 10HindiHPBOSEKSEEBMPBSEMSBSHSE SSC ExamQuestion & AnswerRBSESolutionUBSEUPMSPWBBSEकाव्य खंड

Ncert Solutions for Class 10 Hindi Kshitij chapter 1 Suryakant Tripathei Nirala | कक्षा 10 क्षितिज भाग – 2 पाठ 5 सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ प्रश्न उत्तर

NCERT solutions for class 10 Hindi Kshitij chapter 5 free Hindi Anuvaad with Vyakhya given in this section. Hindi Class 10 chapter 5 Surdaas Ke Pad. एनसीइआरटी कक्षा 10 क्षितिज भाग – 2 काव्य खंड सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’. उत्साह एक आह्वान गीत है जो बादल को सम्बोधित है। बादल निराला का प्रिय विषय है। अट नहीं रही है कविता फागुन की मादकता को प्रकट करती है। class 10 Hindi kshitij chapter 5 Suryakant Tripathei Nirala and question answer available free in eteacherg.com। Here We learn what is in this lesson in class 10 hindi ncert solutions in hindi Suryakant Tripathei Nirala and solve questions class 10 Hindi kshitij chapter 5 question answer.

Ncert solutions for class 10 Hindi Kshitij chapter 5 Suryakant Tripathei Nirala is a part NCERT class 10 hindi kshitij are part of class 10 hindi kshitij chapter 5 Hindi Anuwaad. Here we have given ncert solutions for class 10 hindi kshitij chapter 5 prashan uttr Surdaas. hindi class 10 chapter 5 ncert kshitij chapter 5 hindi arth below. These solutions consist of answers to all the important questions in NCERT book chapter 5.
Here we solve ncert solutions for class 10 hindi chapter 5 Questions and Answers concepts all questions with easy method with expert solutions. It help students in their study, home work and preparing for exam. Soon we provide Sanskrit class 10 ncert solutions Shemushi chapter 5 hindi anuvaad. is provided here according to the latest NCERT (CBSE) guidelines. Students can easily access the hindi translation which include important Chapters and deep explanations provided by our expert. Get CBSE in free PDF here. ncert solutions for ncert solutions for class 10 hindi kshitij chapter 5 pdf also available Click Here or you can download official NCERT website. You can also See NCERT Solutions for Hindi class 10 book pdf with answers all Chapter to Click Here.

NCERT SOLUTIONS FOR CLASS 10 HINDI KSHITIJ CHAPTER 5
hindi class 10 chapter 5

Suryakant Tripathei Nirala
कक्षा – 10

पाठ – 5
हिंदी
सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ प्रश्न-उत्तर

सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ का व्याख्या सहित हिंदी अनुवाद Click Here

hindi class 10 chapter 5

Ncert Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 5 Suryakant Tripathei Nirala Questions and Answers

प्रश्न अभ्यास

1. कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर ‘गरजने’ के लिए कहता है, क्यों?
उत्तर – कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर ‘गरजने’ के लिए कहता है क्योंकि ‘गरजना’ विद्रोह का संकेत है। कवि ने बादल के गरजने के माध्यम से कविता में नूतन विद्रोह का आह्वान किया है।

2. कविता का शीर्षक उत्साह क्यों रखा गया है?
उत्तर – यह एक आह्वान गीत है। कवि लोगो में क्रांति लाने के लिए तथा उनको उत्साहित करना चाहते हैं। बादल का गरजना लोगों के मन में उत्साह व उमंग से भर देता है। इसलिए कविता का शीर्षक उत्साह रखा गया है।

3. कविता में बादल किन-किन अर्थों की ओर संकेत करता है?
उत्तर – कविता में बादल निम्नलिखित अर्थों की ओर संकेत करता है –

  1. जल बरसाने वाली शक्ति है।
  2. बादल पीड़ित-प्यासे लोगो एवं जीवों की आकाँक्षा को पूरा करने वाला है।
  3. बादल कवि में उत्साह और संघर्ष भर कविता में नया जीवन लाने में सक्रिय है।

4. शब्दों का ऐसा प्रयोग जिससे कविता के किसी खास भाव या दृश्य में ध्वन्यात्मक प्रभाव पैदा हो, नाद-सौंदर्य कहलाता है। उत्साह कविता में ऐसे कौन-से शब्द हैं जिनमें नाद-सौंदर्य मौजूद है, छाँटकर लिखें।
उत्तर – कविता की इन पंक्तियों में नाद-सौंदर्य मौजूद है –

  1. “घेर घेर घोर गगन, धाराधर ओ!
  2. ललित ललित, काले घुँघराले,
    बाल कल्पना के-से पाले
  3. “विद्युत-छवि उर में”

रचना और अभिव्यक्ति

5. जैसे बादल उमड़-घुमड़कर बारिश करते हैं वैसे ही कवि के अंतर्मन में भी भावों के बादल उमड़-घुमड़कर कविता के रूप में अभिव्यक्त होते हैं। ऐसे ही किसी प्राकृतिक सौंदर्य को देखकर अपने उमड़ते भावों को कविता में उतारिए।

पाठेतर सक्रियता

  • बादलों पर अनेक कविताएँ हैं। कुछ कविताओं का संकलन करें और उनका चित्रांकन भी कीजिए।

अट नहीं रही है

1. छायावाद की एक खास विशेषता है अंतर्मन के भावों का बाहर की दुनिया से सामंजस्य बिठाना। कविता की किन पंक्तियों को पढ़कर यह धारणा पुष्ट होती है? लिखिए।
उत्तर – कविता के निम्नलिखित पंक्तियों को पढ़कर यह धारणा पुष्ट होती है कि प्रस्तुत कविता में अन्तर्मन के भावों का बाहर की दुनिया से सामंजस्य बिठाया गया है :
कहीं साँस लेते हो,
घर घर भर देते हो,
उड़ने को नभ में तुम,
पर पर कर देते हो।

2. कवि की आँख फागुन की सुंदरता से क्यों नहीं हट रही है?
उत्तर – फागुन का मौसम तथा दृश्य अत्यंत मनमोहक होता है। चारों तरफ का दृश्य अत्यंत स्वच्छ तथा हरा-भरा दिखाई दे रहा है। पेड़ों पर कहीं हरी तो कही लाल पत्तियाँ हैं, फूलों की मंद-मंद खुशबू हृदय को मुग्ध कर लेती है। इसीलिए कवि की आँख फागुन की सुंदरता से हट नहीं रही है।

3. प्रस्तुत कविता में कवि ने प्रकृति की व्यापकता का वर्णन किन रूपों में किया है?
उत्तर – प्रस्तुत कविता ‘अट नहीं रही है’ में कवि सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ जी ने फागुन के सर्वव्यापक सौन्दर्य और मादक रूप के प्रभाव को दर्शाया है। पेड़-पौधे नए-नए पत्तों,फल और फूलों से अटे पड़े हैं, हवा सुगन्धित हो उठी है, प्रकृति के कण-कण में सौन्दर्य भर गया है। खेत-खलिहानों, बाग़-बगीचों, जीव-जन्तुओं, पशु-पक्षियों एवं चौक-चौबारों में फ़ागुन का उल्लास सहज ही दिखता है।

4. फागुन में ऐसा क्या होता है जो बाकी ऋतुओं से भिन्न होता है?
उत्तर – फागुन में सर्वत्र मादकता मादकता छाई रहती है। प्राकृतिक शोभा अपने पूर्ण यौवन पर होती है। पेड़-पौधें नए पत्तों, फल और फूलों से लद जाते हैं, हवा सुगन्धित हो उठती है। आकाश साफ-स्वच्छ होता है। पक्षियों के समूह आकाश में विहार करते दिखाई देते हैं। बाग-बगीचों और पक्षियों में उल्लास भर जाता हैं। इस तरह फागुन का सौंदर्य बाकी ऋतुओं से भिन्न है।

5. इन कविताओं के आधार पर निराला के काव्य-शिल्प की विशेषताएँ बताएँ।
उत्तर – महाकवि सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ जी छायावाद के प्रमुख कवि माने जाते हैं। छायावाद की प्रमुख विशेषताएँ हैं – प्रकृति चित्रण और प्राकृतिक उपादानों का मानवीकरण। ‘उत्साह’ और ‘अट नहीं रही है’ दोनों ही कविताओं में प्राकृतिक उपादानों का चित्रण और मानवीकरण हुआ है। काव्य के दो पक्ष हुआ करते हैं – अनुभूति पक्ष और अभिव्यक्ति पक्ष अर्थात् भाव पक्ष और शिल्प पक्ष। इस दृष्टि से दोनों कविताएँ सराह्य हैं। छायावाद की अन्य विशेषताएँ जैसे गेयता, प्रवाहमयता, अलंकार योजना और संगीतात्मकता आदि भी विद्यमान है। ‘निराला’ जी की भाषा एक ओर जहाँ संस्कृतनिष्ठ, सामासिक और आलंकारिक है तो वहीं दूसरी ओर ठेठ ग्रामीण शब्द का प्रयोग भी पठनीय है। अतुकांत शैली में रचित कविताओं में क्राँति का स्वर, मादकता एवम् मोहकता भरी है। भाषा सरल, सहज, सुबोध और प्रवाहमयी है।

रचना और अभिव्यक्ति

6. होली के आसपास प्रकृति में जो परिवर्तन देते हैं, उन्हें लिखिए।
उत्तर – होली के आस-पास प्रकृति में परिवर्तन स्पष्ट दिखाई देते हैं।

  • होली के आस-पास सर्दी कम होने लगती है।
  • सूर्योदय जल्दी तथा सूर्यास्त का समय बढ़ जाता है।
  • ठण्ड केवल सुबह और शाम को ही लगती है।
  • पेड़-पौधों पर नई पत्तियाँ लगाने लगती है।
  • विभिन्न प्रकार के रंग-बिरंगे फूल खिलते हैं।
  • फूलों पर विभिन्न रंग की तितलियाँ मड़राने लगती है।
  • खेतों से कड़ी हुई पकी फसल की गंध आती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!