NCERT Notes Chapter 1 Class 10 Science Chemical Reactions and Equations | कक्षा 10 विज्ञान नोट्स अध्याय 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
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NCERT Notes Chapter 1 Class 10 Science Chemical Reactions and Equations कक्षा 10 विज्ञान नोट्स अध्याय 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
रासायनिक परिवर्तन से तात्पर्य है कि एक रासायनिक अभिक्रिया का होना, जिससे नया पदार्थ का निर्माण होता है। जैसे गर्मियों में दूध को खुला छोड़ दिया जाता है तो वह फट जाता है अर्थात नया पदार्थ बन जाता है। भोजन का पकाना, शरीर में भोजन का पाचन, अंगूर का किण्वन, साँस का लेना आदि रासायनिक परिवर्तन के कुछ उदाहरण हैं।
रासायनिक परिवर्तन का एक सामान्य उदाहरण है
1. मैग्नीशियम रिबन का वायु में दहन करने पर मैग्नीशियम ऑक्साइड का प्राप्त होना Magnesium oxide is obtained when magnesium ribbon is burnt in air.
- एक मैग्नीशियम रिबन लेकर उसे रेगमाल से अच्छी तरह से साफ कर लेंगे।
- अब इसे एक चिमटे कि सहायता से पकड़कर बर्नर से इसका दहन करते हैं।
- हम देखते हैं कि मैग्नीशियम रिबन चमकदार सफ़ेद ज्वाला के साथ जलता है और सफ़ेद चूर्ण में परिवर्तित हो जाता है।
- यह श्वेत राख वायु में उपस्थित ऑक्सीजन तथा मैग्नीशियम के बीच अभिक्रिया के कारण बनती है।
- जो राख बनती है उसे एक वॉच ग्लास में इकठ्ठा कर लेते हैं। यह सफ़ेद राख मैग्नीशियम ऑक्साइड का चूर्ण है।
- Mg + O2 → MgO
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कक्षा 10 विज्ञान पाठ 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ और समीकरण अभ्यास प्रश्न
2. लेड (सीसा) नाइट्रेट एवं पोटैशियम आयोडाइड की अभिक्रिया Reaction of Lead Nitrate and Potassium Iodide
- लेड (सीसा) नाइट्रेट और पोटेशियम आयोडाइड; दोनों रंगहीन हैं।
- लेड आयोडाइड का पीला अवक्षेप प्रदान करने के लिए लेड नाइट्रेट विलयन पोटैशियम आयोडाइड विलयन के साथ अभिक्रिया करता है।
- Pb(NO3)2 (aq) + 2KI (aq) → PbI2 (s) + 2KNO3 (aq)
- यह अभिक्रिया दोहरे विस्थापन अभिक्रिया का एक उदाहरण है।
3. जिंक की तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल अथवा सल्फ़्यूरिक अम्ल से क्रिया Reaction of zinc with dilute hydrochloric acid or sulfuric acid
एक शंक्वाकार फ्लास्क या परखनली लेते है। इसमें कुछ दानेदार जिंक डालते हैं। अब ऊपर से इसमें तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल अथवा सल्फ़्यूरिक अम्ल मिलते हैं।
- जब दानेदार जिंक की तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल अथवा सल्फ़्यूरिक अम्ल से अभिक्रिया द्वारा हाइड्रोजन गैस बनती है।
- प्रयोगशाला में हाइड्रोजन गैस इसी विधि से बनाई जाती है।
- Zn + H2SO4 → ZnSO4 + H2 ↑
- Zn + 2HCl → ZnCl2 + H2 ↑
रासायनिक समीकरण Chemical Equation
किसी रासायनिक अभिक्रिया को अभिकारक एवं उत्पादों के प्रतीक तथा सूत्रों का प्रयोग करके प्रदर्शित करना ही रासायनिक समीकरण कहलाता है। जैसे :- मैग्नीशियम रिबन का वायु में दहन करने पर मैग्नीशियम ऑक्साइड का प्राप्त होना।
मैग्नीशियम + ऑक्सीजन → मैग्नीशियम ऑक्साइड
2Mg + O2 → 2MgO
अभिकारक Reactant – रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले पदार्थ अभिकारक कहलाते हैं।
उत्पाद Product – रासायनिक अभिक्रिया के पश्चात प्राप्त होने वाले पदार्थ, उत्पाद कहलाते हैं।
रासायनिक समीकरण लिखने के नियम rules for writing chemical equations
- उपरोक्त अभिक्रिया में मैग्नीशियम तथा ऑक्सीजन में रासायनिक परिवर्तन होता है अतः इन्हें अभिकारक कहते है।
- यह रासायनिक समीकरण अभिकारक को बायीं ओर लिखा जाता है।
- दो या दो से अधिक अभिकारकों के बीच धन (+) का चिन्ह होता है।
- रासायनिक समीकरण उत्पादों को दायी ओर लिखा जाता है।
- अभिकारकों एवं उत्पादों के मध्य, अभिकारक से उत्पाद की ओर तीर (→) का निशान लगाया जाता है।
- दो या दो से अधिक अभिकारक या उत्पाद होने पर उनके बीच में धन (+) का चिन्ह होता है।
- रासायनिक समीकरण को संतुलित करना आवश्यक होता है।
- रासायनिक समीकरण के दोनों ओर के अणुओं की संख्या को बढाकर तथा घटाकर समीकरण को संतुलित किया जाता है।
- रासायनिक समीकरण को संतुलित करने के लिए सर्वप्रथम ऑक्सीजन (O) तथा हाइड्रोजन (H) परमाणुओं को छोड़कर अन्य परमाणुओं को संतुलित किया जाता है।
C3H8 + O2 → CO2 + H2O
प्रोपेन + ऑक्सीजन → कार्बनडाई ऑक्साइड + जल
C3H8 + O2 → 3CO2 + H2O
यहाँ कार्बन को संतुलित किया गया अब हाइड्रोजन को संतुलित करते हैं –
C3H8 + O2 → 3CO2 + H2O
अब ऑक्सीजन को संतुलित करते हैं –
C3H8 + 5O2 → 3CO2 + 4H2O - समीकरण को संतुलित करने के पश्चात अभिकारकों तथा उत्पादों की भौतिक अवस्था को बताने के लिए उनके साथ कोष्ठक में ठोस के लिए (s), द्रव के लिए (l) तथा गैस के लिए (g) लिख देते हैं।
C(s) + O2(g) → CO2(g) - अभिकारक तथा उत्पाद जब जलीय विलयन के रूप में होते हैं, तो उनके आगे (aq) लिखते हैं।
CaO(s) + H2O(l) → Ca(OH)2(aq) - अभिक्रिया उत्क्रमणीय होने अर्थात दोनों दिशाओं में होने पर तीर का निशान \(\displaystyle \rightleftharpoons \) लगा दिया जाता है।
- अभिक्रिया सम्पन्न होने के लिये आवश्यक ताप तथा दाब को तीर के निशान के ऊपर लिखते हैं।
\(\displaystyle {{N}_{2}}(g)+3{{H}_{2}}(g)\)\(\displaystyle 2N{{H}_{3}}(g)+10.5Kcal/mole\)
- ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया के लिये धन चिन्ह (+) तथा उष्माशेषी अभिकिय्रा के लिये ऋण चिन्ह (−) उत्पाद के साथ लिखा जाता है। ऊष्मा को Δ से भी लिखा जाता है।
\(\displaystyle {{N}_{2}}(g)+3{{H}_{2}}(g)\)\(\displaystyle 2N{{H}_{3}}(g)+10.5Kcal/mole\)
अभिक्रिया में प्रयुक्त उत्प्रेरक को तीर के निशान के ऊपर लिखा जाता है।
\(\displaystyle \begin{array}{*{20}{c}} {C{{H}_{2}}} \\ {\begin{array}{*{20}{c}} \parallel \\ {C{{H}_{2}}} \end{array}} \end{array}\begin{array}{*{20}{c}} + \\ {\begin{array}{*{20}{c}} {} \\ {} \end{array}} \end{array}\begin{array}{*{20}{c}} {{{H}_{{2(g)}}}} \\ {} \\ {} \end{array}\xrightarrow{{Ni}}\begin{array}{*{20}{c}} {C{{H}_{3}}} \\ {\mathrm I} \\ {C{{H}_{3}}} \end{array}\)
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कक्षा 10 विज्ञान पाठ 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ और समीकरण अभ्यास प्रश्न
संतुलित रासायनिक समीकरण का महत्व Importance of balanced chemical equation
द्रव्यमान संरक्षण नियम से law of conservation of mass
इस सिद्धांत के अनुसार, किसी भी बंद व्यवस्था (Closed System) में द्रव्यमान (mass) सदा ही संरक्षित रहता है। अर्थात द्रव्यमान ना तो बढ़ता है और ना ही घटता है। द्रव्यमान का ना ही निर्माण हो सकता है तथा ना इसे नष्ट किया जा सकता है।
रासायनिक अभिक्रिया से पहले एवं उसके पश्चात प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या समान रहती है। अतः हमें समीकरणों को संतुलित करना आवश्यक है।
रासायनिक समीकरण की विशेषताएँ Features of Chemical Equations
- क्रियाकारक/अभिकारक और उत्पाद के बारे में सम्पूर्ण जानकारी जैसे अणुओं की संख्या द्रव्यमान आदि मिलती है।
- पदार्थों की भौतिक अवस्था के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।
- रासायनिक अभिक्रिया के लिए आवश्यक परिस्थितियों जैसे – ताप, दाब तथा उत्प्रेरक आदि के बारे में स्पष्ट हो जाता है।
- अभिक्रिया ऊष्माक्षेपी है या उष्माशेषी यह भी स्पष्ट हो जाता है।
- समीकरण से अभिक्रिया की उत्क्रमणीयता की जानकारी भी हो जाती है।
रासायनिक समीकरण की सीमाएं Limitations of Chemical Equations
- यह रासायनिक अभिक्रिया के पूर्णता की जानकारी नहीं देते है।
- इसमें क्रियाकारक एवं उत्पाद की सांद्रता की जानकारी नहीं मिलती है।
रासायनिक अभिक्रियाओं के प्रकार types of chemical reactions
रासायनिक अभिक्रिया Chemical Reaction
किसी भी पदार्थ में रासायनिक परिवर्तन होने पर वह मूल पदार्थ से रासायनिक गुणों एवं संगठन में भिन्न हो जाता है। अतः किसी पदार्थ में रासायनिक परिवर्तन होना, रासायनिक अभिक्रिया कहलाता है।
रासायनिक अभिक्रिया के दौरान अभिकारकों से उत्पादों का निर्माण होता है। परन्तु न तो कोई मिश्रण से बाहर जाता है और न ही बाहर से मिश्रण में आता है। परन्तु पदार्थ का कुल द्रव्यमान संरक्षित रहता है।
वास्तव में, किसी रासायनिक अभिक्रिया में परमाणु के आपसी आबंध से टूटने एवं जुड़ने से नए पदार्थों का निर्माण होता है।
रासायनिक अभिक्रियाएँ के प्रकार – रासायनिक अभिक्रियाएँ निम्न प्रकार की होती है –
- संयोजन अभिक्रिया Addition Reaction
- वियोजन (अपघटन) अभिक्रिया
- विस्थापन अभिक्रिया Replacement Reaction
- द्विविस्थापन अभिक्रिया
- उपचयन एवं अपचयन
1. संयोजन अभिक्रिया Addition Reaction
वह अभिक्रिया जिनमें दो या दो से अधिक क्रियाकरक आपस में जुड़कर एक ही नए उत्पाद का निर्माण करते हैं तो, ऐसी अभिक्रिया संयोजन या संयुग्मन अभिक्रिया कहलाती है।
उदाहरण – जब कैल्शियम ऑक्साइड, जल के साथ तेजी से अभिक्रिया करता है तो कैल्शियम हाइड्रोक्साइड (बुझे हुए चुने) प्राप्त होता है। इस अभिक्रिया में अत्यधिक मात्रा में ऊष्मा निकलती है।
CaO(s) + H2O(l) → Ca(OH)2(aq) + ऊष्मा
उपरोक्त अभिक्रिया में हमनें देखा कि कैल्शियम ऑक्साइड तथा जल दोनों मिलकर एक ही उत्पाद कैल्शियम हाइड्रोक्साइड का निर्माण करते हैं। जिसका उपयोग दीवारों के ऊपर सफ़ेदी करने के लिए किया जाता है।
संयोजन अभिक्रिया के कुछ और उदाहरण
(i) कोयले का दहन
C(s) + O2(g) → CO2(g)
(ii) हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से जल का निर्माण
2H2(g) + O2(g) → 2H2O(l)
(iii) मैग्नीशियम फीते का दहन
2Mg(s) + O2(g) → 2MgO(s)
(iv) एथीन का हाइड्रोजनीकरण
CH2 = CH2 + H2 → CH3 – CH3
2. अपघटनीय अभिक्रिया Decomposition Reaction
वे अभिक्रियाएँ जिनमें एक क्रियाकारक जिनमें एक क्रियाकारक टूटकर (अपघटित) दो या दो से अधिक उत्पाद का निर्माण करते हैं, अपघटनीय अभिक्रिया कहलाती है।
उदाहरण :-
गर्म करने पर फ़ेरस सल्फेट (FeSO4.7H2O) का क्रिस्टल जल त्यागकर रंग बदल लेता है। जिससे फेरिक ऑक्साइड (Fe2O3), सल्फर डाईऑक्साइड (SO2) एवं सल्फर ट्राइऑक्साइड (SO3) में वियोजित हो जाता है।
\(\displaystyle \begin{array}{l}2FeS{{O}_{4}}(s)\xrightarrow{{energy}}F{{e}_{2}}{{O}_{3}}(s)+S{{O}_{2}}(g)+S{{O}_{3}}(g)\\\text{ferrous sulphate}\,\,\,\,\,\,\,\,\,\,\,\,\,\,\,\text{ferric oxide}\end{array}\)
उपरोक्त अभिक्रिया में एकल अभिकर्मक टूट कर छोटे-छोटे उत्पाद प्रदान करता है। अतः यह एक वियोजन अभिक्रिया है।
अपघटनीय अभिक्रिया के प्रकार Types of Decomposition Reaction
(i) विद्युत अपघटनीय अभिक्रिया Electrolytic Reaction
जब किसी यौगिक की गलीत या द्रव अवस्था में धरा प्रवाहित की जाए तो वह यौगिक अपघटित हो जाता है।
उदाहरण – \(\displaystyle 2{{H}_{2}}O(l)\xrightarrow{{current}}2{{H}_{2}}(g)+{{O}_{2}}(g)\)
\(\displaystyle 2Nacl(aq)\xrightarrow{{current}}2Na+C{{l}_{2}}\)
(ii) उष्मीय अपघटनीय अभिक्रिया Thermal Decomposition Reaction
वे अभिक्रियाएँ जिनमें यौगिकों का अपघटन ऊष्मा की उपस्थिति में होता है, उष्मीय अपघटनीय अभिक्रिया कहलाती है।
उदाहरण – \(\displaystyle CaC{{O}_{3}}(s)\xrightarrow{\Delta }CaO(s)+C{{O}_{2}}(g)\)
लेड नाइट्रेट के चूर्ण को ज्वाला के ऊपर रखकर गर्म करने पर नाइट्रोजन डाईऑक्साइड (NO2) का भूरे रंग का धुआँ निकलता है।
\(\displaystyle \begin{array}{l}2Pb{{(N{{O}_{3}})}_{2}}\xrightarrow{\Delta }2PbO(s)+4N{{O}_{2}}(g)+{{O}_{2}}(g)\\(\text{lead nitrate})\xrightarrow{{}}(lead\,\,oxide)+(nitrogen\,\,dioxide)+(oxigen)\end{array}\)
(iii) प्रकाशीय अपघटन अभिक्रिया Photo Decomposition Reaction
वे अभिक्रियाएँ जिनमें क्रियाकरक अणु प्रकाश की उपस्थिति में अपघटित होता है।
\(\displaystyle 2HBr(g)\xrightarrow{{sun\,\,light}}{{H}_{2}}+B{{r}_{2}}\uparrow \)
सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति श्वेत रंग का क्लोराइड धूसर रंग का हो जाता है। इसका कारण सिल्वर क्लोराइड का सिल्वर तथा क्लोरीन में वियोजन के कारण होता है।
\(\displaystyle 2AgCl(s)\xrightarrow{{sun\,\,light}}2Ag(s)+C{{l}_{2}}(g)\)
\(\displaystyle 2AgBr(s)\xrightarrow{{sun\,\,light}}2Ag(s)+B{{r}_{2}}(g)\)
नोट :- इस अभिक्रिया का उपयोग श्याम-श्वेत फोटोग्राफी में किया जाता है।
3. विस्थापन अभिक्रिया Displacement Reaction
वे अभिक्रियाएँ जिनमें एक क्रियाकरक में उपस्थित परमाणु या परमाणुओं का समूह, दूसरे क्रियाकारक में उपस्थित परमाणु या परमाणुओं के समूह द्वारा विस्थापित हो जाता है। इन अभिक्रियाओं में अभिकारकों के पहले से बने हुए बंध टूटते हैं तथा कुछ बन्धों का निर्माण भी होता है। जैसे –
CuSO4 + Zn → ZnSO4 + Cu
कॉपर सल्फेट + जिंक → जिंक सल्फेट + कॉपर
(नीला रंग) ( नीला रंग विलुप्त)
यहाँ Zn अधिक क्रियाशील धातु है तथा Cu कम क्रियाशील धातु है, अतः Cu को Zn विस्थापित कर देता है।
नोट :- इस अभिक्रिया में अधिक क्रियाशील धातु कम क्रियाशील धातु को विस्थापित कर देती है।
विद्युत रासायनिक श्रेणी Electrochemical Series
K | पोटैशियम |
Na | सोडियम |
Ca | कैल्शियम |
Mg | मैग्नीशियम |
Al | एल्युमिनियम |
Zn | जिंक |
Fe | फेरम |
Pb | लेड |
H | हाइड्रोजन |
Cu | कॉपर |
Hg | मरकरी |
Ag | सिल्वर |
Au | गोल्ड |
4. द्विविस्थापन अभिक्रिया Double Displacement Reaction
वे अभिक्रिया जिनमें दोनों क्रियाकारकों के परमाणु या परमाणुओं के समूह आपस में विस्थापित हो जाते हैं।
CaSO4 + 2NaOH → Ca(OH)2 + Na2SO4
KCl + AgNO3 → AgCl + KNO3
CuSO4 + 2NaOH → Cu(OH)2 + Na2SO4
दो परखनली लेते हैं। एक में सोडियम सल्फ़ेट तथा दूसरी में बेरियम क्लोराइड लेते है। दोनों विलयनों को मिलाने पर श्वेत रंग के एक पदार्थ का निर्माण होता है जो जल में अविलेय होता है। इस अविलेय पदार्थ को अवक्षेप कहते हैं।
जिस अभिक्रिया में अवक्षेप का निर्माण होता है उसे अवक्षेपण अभिक्रिया कहते हैं।
Na2SO4(aq) + BaCl2(aq) → BaSO4(s) + 2NaCl(aq)
सोडियम सल्फ़ेट + बेरियम क्लोराइड → बेरियम सल्फ़ेट + सोडियम क्लोराइड
5. उपचयन एवं अपचयन Oxidation and Reduction
यदि चाइना डिश में कॉपर चूर्ण को गर्म किया जाता है तो, काले रंग का कॉपर ऑक्साइड प्राप्त होता है। यह कॉपर ऑक्साइड कॉपर एवं ऑक्सीजन के योग से बनता है।
\(\displaystyle 2Cu+{{O}_{2}}\xrightarrow{\Delta }2CuO\)
अगर इसके विपरीत अभिक्रिया की जाए अर्थात CuO पर हाइड्रोजन गैस प्रवाहित की जाये तो काला पदार्थ भूरे रंग में बदल जाता है, और कॉपर प्राप्त होता है।
\(\displaystyle CuO+{{H}_{2}}\xrightarrow{\Delta }Cu+{{H}_{2}}O\)
अतः उपचयन एवं अपचयन अभिक्रियाओं निम्न आधार पर परिभाषित किया जा सकता है –
-
ऑक्सीजन के संयोग एवं विलोपन के आधार पर उपचयन-अपचयन अभिक्रियाएँ Oxidation-reduction reactions based on addition and elimination of oxygen
जब किसी पदार्थ में ऑक्सीजन की वृद्धि होती है तो कहते है कि उसका उपचयन हुआ है। तथा जब अभिक्रिया में किसी पदार्थ में ऑक्सीजन की कमी/ह्रास होती है तो कहते है कि उसका अपचयन हुआ है। जैसा कि उपरोक्त उदाहरण में दिया में दिया गया है।
उपचयन/ऑक्सीकरण के अन्य उदाहरण –
2Mg + O2 → 2MgO
S + O2 → SO2
अपचयन के अन्य उदाहरण –
2MgO → 2Mg + O2
2KClO3 → 2KCl + 3O2
-
हाइड्रोजन के संयोग एवं विलोपन/वियोजन के आधार पर उपचयन-अपचयन अभिक्रियाएँ Oxidation-reduction reactions based on addition and elimination/dissociation of hydrogen
किसी पदार्थ में से हाइड्रोजन का निकलना उपचयन तथा हाइड्रोजन का योग अपचयन कहलाता है।
उपचयन/ऑक्सीकरण के अन्य उदाहरण –
CH3CH2OH → CH3CHO + H2
उपरोक्त अभिक्रिया में एथेनॉल का एथैनेल में ऑक्सीकरण हो रहा है।
2H2S + O2 → 2H2O + S
उपरोक्त अभिक्रिया में H2S का S में ऑक्सीकरण हो रहा है।
अपचयन के अन्य उदाहरण –
CH2 = CH2 + H2 → CH3 − CH3
उपरोक्त अभिक्रिया में एथीन का एथेन में अपचयन हो रहा है।
Cl2 + H2 → 2HCl-1
उपरोक्त अभिक्रिया में क्लोरीन का HCl में अपचयन हो रहा है।
रेडॉक्स अभिक्रियाएँ Redox Reactions
वे अभिक्रियाएँ जिनमें एक पदार्थ का उपचयन तथा दूसरे पदार्थ का अपचयन होता है अर्थात वे अभिक्रियाएँ जिनमें उपचयन तथा अपचयन दोनों साथ-साथ होती है, रेडॉक्स अभिक्रिया कहलाती है।
रेडॉक्स अभिक्रिया के कुछ अन्य उदाहरण –
ZnO + C → Zn + CO
MnO2 + 4HCl → MnCl2 + 2H2O + Cl2
दैनिक जीवन में उपचयन अभिक्रियाओं के प्रभाव
-
संक्षारण Corrosion
धातुओं का संक्षारण (Corrosion of metals) रासायनिक क्रिया है, जिसके फलस्वरूप धातुओं का क्षय एवं ह्रास होता है।
जब कोई धातु अपने आसपास अम्ल, आर्द्रता आदि के संपर्क में आती है तो नमी और वायुमंडल में उपस्थित ऑक्सीजन के कारण यह धातु ऑक्साइड, हाइड्रोक्साइड कार्बोनेट आदि में परिवर्तित हो जाती है अर्थात धातु धीरे धीरे नष्ट होना शुरू हो जाती है जिसे जंग लगना या संक्षारण कहते है।
उदाहरण – लोहे या लोहे से बनी वस्तुओं के ऊपर जंग का लगाना। चाँदी के ऊपर काली परत व ताँबे के ऊपर हरी परत चढ़ना संक्षारण के उदाहरण है।
संक्षारण के कारण कार के ढांचे, पुल, लोहे की रेलिंग, जहाज तथा धातु, विशेषकर लोहे से बनी वस्तुओं की बहुत क्षति होती है।
-
विकृतगंधिता Rancidity
जब वसायुक्त अथवा तेल खाद्य सामग्री को जब लंबे समय तक रखा जाए तो वह उपचयित होकर अपना स्वाद और गंध खो देती है, और विकृतगंधी हो जाती है, विकृतगंधिता कहलाती है।
विकृतगंधिता को रोकने के उपाय
- प्राय: तैलीय तथा वसायुक्त खाद्य सामग्रियों में उपचयन रोकने वाले पदार्थ (प्रति ऑक्सीकारक) मिलाए जाते हैं।
- खाद्य सामग्री को वायुरोधी बर्तनों में रखा जाता है, जिससे उपचयन की गति कम हो जाती है।
- चिप्स की थैली में ऑक्सीजन को हटाकर कम सक्रिय गैस नाइट्रोजन भर दी जाती है। जिससे चिप्स का उपचयन न हो सके।
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