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Hindi Grammar Visheshan | Hindi Vyakaran Visheshan हिंदी व्याकरण – विशेषण

हिंदी व्याकरण में विशेषण का बहुत महत्व है। इस अध्याय में hindi grammar visheshan hindi vyakaran visheshan हिंदी व्याकरण – विशेषण के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। Hindi grammar visheshan hindi vyakaran visheshan विशेषण से सम्बंधित प्रश्न परीक्षा में पूछे जाते है। यदि आप इसे भली भांति समझकर याद कर लेते हैं तो ये आपकी परीक्षाओं में अत्यंत उपयोगी होगा।

Hindi Grammar Visheshan Hindi Vyakaran Visheshan हिंदी व्याकरण – विशेषण

विशेषण की परिभाषा Definition of Adjective

वे शब्द, जो किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम शब्दों की विशेषता (गुण, दोष, संख्या, परिमाण आदि) बताते हैं, विशेषण कहलाते हैं।
उदाहरण : बड़ी इमारत, पुराना किला, लाल कमीज, लम्बा आदमी, ऊँचा पूल आदि।
उपरोक्त शब्दों में बड़ी, पुराना, लाल, लम्बा और ऊँचा किसी वस्तु या मनुष्य की विशेषता बता रहें हैं। अतः यह विशेषण शब्द हैं।

अतः ऐसे शब्द जो विशेषता बतलाये विशेषण कहलाते हैं।

विशेष्य Substantive : जिस संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताई जाती है उसे विशेष्य कहते हैं। 
उपरोक्त उदाहरण में इमारत, किला, कमीज, आदमी, पूल विशेष्य हैं।

Hindi Grammar Visheshan Hindi Vyakaran Visheshan हिंदी व्याकरण – विशेषण
विशेषण के प्रकार Kinds Adjectives

विशेषण मुख्यत: 5 प्रकार के होते हैं –

  1. गुणवाचक विशेषण
  2. संख्यावाचक विशेषण
  3. परिमाणवाचक विशेषण
  4. संकेतवाचक विशेषण
  5. व्यक्तिवाचक विशेषण 

1. गुणवाचक विशेषण Qualitative Adjectives

वे शब्द, जो किसी संज्ञा या सर्वनाम के गुण, दोष, रंग, रूप, आकर, प्रकार, दशा, स्वभाव आदि का बोध करते हैं, उन्हें गुणवाचक विशेषण कहते हैं।
(1) भाव :- अच्छा, बुरा, कायर, वीर, डरपोक आदि।
(2) रंग :- लाल, हरा, पीला, सफेद, काला, चमकीला, फीका आदि।
(3) दशा :- पतला, मोटा, सूखा, गाढ़ा, पिघला, भारी, गीला, गरीब, अमीर, रोगी, स्वस्थ, पालतू आदि।
(4) आकार :- गोल, सुडौल, नुकीला, समान, पोला आदि।
(5) समय :- अगला, पिछला, दोपहर, संध्या, सवेरा आदि।
(6) स्थान :- भीतरी, बाहरी, पंजाबी, जापानी, पुराना, ताजा, आगामी आदि।
(7) गुण :- भला, बुरा, सुन्दर, मीठा, खट्टा, दानी,सच, झूठ, सीधा आदि।
(8) दिशा :- उत्तरी, दक्षिणी, पूर्वी, पश्चिमी आदि।
उदाहरण : पीला, मीठा, खट्टा, छोटा, बड़ा, भोला, चतुर आदि।

2. संख्यावाचक विशेषण Number Adjectives

वे विशेषण, जो किसी संज्ञा या सर्वनाम की निश्चित, अनिश्चित संख्या, क्रम या गणना का बोध कराते हैं उन्हें संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। 
संख्यावाचक विशेषण दो प्रकार के होते है :
(i) निश्चित संख्यावाचक विशेषण Definite Numeric Adjective
(ii) अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण

(i) निश्चित संख्यावाचक विशेषण Definite Numeric Adjective

ऐसे संख्यावाचक विशेषण जो निश्चित संख्या का बोध कराते हैं, निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं।
उदाहरण : 
(अ) क्रमवाचक serial : जिन शब्दों के द्वारा संख्या के क्रम का बोध हो।
जैसे – पहला, दूसरा
(1) पहला लड़का यहाँ आए।
(2) दूसरा लड़का वहाँ बैठे।
(3) राम कक्षा में प्रथम रहा।
(4) श्याम द्वितीय श्रेणी में पास हुआ है।

(ब) गणवाचक enumerator : जिन शब्दों के द्वारा गिनती का बोध हो।
जैसे – एक, दो, तीन
(1) एक लड़का स्कूल जा रहा है।
(2) पच्चीस रुपये दीजिए।
(3) कल मेरे यहाँ दो मित्र आएँगे।
(4) चार आम लाओ।

(स) समुदायवाचक colloquial : जिन शब्दों के द्वारा केवल सामूहिक संख्या का बोध हो।
जैसे – दोनों, तीनों, चारों
(1) तुम तीनों को जाना पड़ेगा।
(2) यहाँ से चारों चले जाओ।

(द) आवृत्तिवाचक frequentist : जिन शब्दों के द्वारा केवल आवृत्ति का बोध हो।
जैसे – दुगुना, चौगुना
(1) मोहन तुमसे चौगुना काम करता है।
(2) गोपाल तुमसे दुगुना मोटा है।

(ii) अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण indefinite numeral adjective

ऐसे संख्यावाचक विशेषण, जो अनिश्चित संख्या का बोध कराते हैं, अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं।
उदाहरण : कुछ, सब, बहुत, थोड़े, कई

3. परिमाण वाचक विशेषण Quantitative Adjective

वे विशेषण, जो किसी पदार्थ की निश्चित/अनिश्चित मात्रा, परिमाप, नाम या तौल आदि का बोध कराते हैं, उन्हें परिमाण वाचक विशेषण कहते हैं।
परिमाण वाचक विशेषण दो प्रकार के होते हैं :
(i) निश्चित परिमाण वाचक 
(ii) अनिश्चित परिमाण वाचक

(i) निश्चित परिमाण वाचक Definite Quantitative Adjective

ऐसे विशेषण, जो विशेषण किसी पदार्थ की निश्चित मात्रा, नाम या तौल आदि का बोध कराते हैं, उन्हें निश्चित परिमाण वाचक विशेषण कहते हैं।
उदाहरण : पाँच मीटर, दस किलो, दो लीटर
(क) मेरे सूट में साढ़े तीन मीटर कपड़ा लगेगा।
(ख) दस किलो चीनी ले आओ।
(ग) दो लिटर दूध गरम करो।

(ii) अनिश्चित परिमाण वाचक indefinite Quantitative Adjective

ऐसे विशेषण, जो विशेषण किसी पदार्थ की अनिश्चित मात्रा, नाम या तौल आदि का बोध कराते हैं, उन्हें अनिश्चित परिमाण वाचक विशेषण कहते हैं।
उदाहरण : बहुत, थोड़ा, ज्यादा, कम, जरा सा, अधिक आदि।
(क) थोड़ी-सी नमकीन वस्तु ले आओ।
(ख) कुछ आम दे दो।
(ग) थोड़ा-सा दूध गरम कर दो।

4. संकेतवाचक विशेषण या सार्वनामिक विशेषण Indicative Adjective

वे सर्वनाम शब्द, जो विशेषण के रूप में किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं, उन्हें संकेतवाचक या सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। 
जो सर्वनाम संकेत द्वारा संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बतलाते हैं वे संकेतवाचक विशेषण कहलाते हैं। क्योंकि संकेतवाचक विशेषण सर्वनाम शब्दों से बनते हैं, अतः ये सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं। इन्हें निर्देशक भी कहते हैं।
उदाहरण :
वह मोहन का घर है।
इस पेड़ को मत काटो।
उस किताब में 250 पृष्ठ हैं।
उपर्युक्त उदाहरणों में ‘वह’, ‘इस’, ‘उस’ आदि शब्द संकेतवाचक विशेषण हैं।

5. व्यक्तिवाचक विशेषण Proper Adjective

ऐसे विशेषण, जो व्यक्तिवाचक संज्ञाओं से बनकर अन्य संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं, उन्हें व्यक्तिवाचक विशेषण कहते हैं।
उदाहरण :
कश्मीरी शॉल, जोधपुरी मिठाई, बनारसी साड़ी 
उपर्युक्त उदाहरण में ‘कश्मीरी’, ‘जोधपुरी’, ‘बनारसी’ आदि शब्द व्यक्तिवाचक विशेषण हैं।

(1) परिमाणवाचक विशेषण और संख्यावाचक विशेषण में अंतर Difference between Quantitative Adjective and Numerical Adjective

जिन वस्तुओं की नाप-तोल की जा सके उनके वाचक शब्द परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं।
जैसे-‘कुछ दूध लाओ’। इसमें ‘कुछ’ शब्द तोल के लिए आया है। इसलिए यह परिमाणवाचक विशेषण है। 2.जिन वस्तुओं की गिनती की जा सके उनके वाचक शब्द संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं। जैसे-कुछ बच्चे इधर आओ। यहाँ पर ‘कुछ’ बच्चों की गिनती के लिए आया है। इसलिए यह संख्यावाचक विशेषण है। परिमाणवाचक विशेषणों के बाद द्रव्य अथवा पदार्थवाचक संज्ञाएँ आएँगी जबकि संख्यावाचक विशेषणों के बाद जातिवाचक संज्ञाएँ आती हैं।

(2) सर्वनाम और सार्वनामिक विशेषण में अंतर difference between pronoun and Indicative Adjective

जिस शब्द का प्रयोग संज्ञा शब्द के स्थान पर हो उसे सर्वनाम कहते हैं। जैसे-वह मुंबई गया। इस वाक्य में वह सर्वनाम है। जिस शब्द का प्रयोग संज्ञा से पूर्व अथवा बाद में विशेषण के रूप में किया गया हो उसे सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। जैसे-वह रथ आ रहा है। इसमें वह शब्द रथ का विशेषण है। अतः यह सार्वनामिक विशेषण है।

विशेषण की अवस्थाएँ Conditions of Adjective

विशेषण की तुलनात्मक स्थिति को अवस्था कहते हैं। 
विशेषण की अवस्थाएँ तीन प्रकार की होती है।
(i) मूलावस्था positive degree
(ii) उत्तरावस्था comparative degree
(iii) उत्तमावस्था superlative degree

(i) मूलावस्था positive degree : ऐसी अवस्था जिसमें किसी संज्ञा या सर्वनाम की सामान्य स्थिति का बोध होता है। मूलावस्था में विशेषण का तुलनात्मक रूप नहीं होता है। वह केवल सामान्य विशेषता ही प्रकट करता है। 
उदाहरण : मोहन होनहार लड़का है।
सूर्य तेजस्वी है।

(ii) उत्तरावस्था comparative degree : ऐसी अवस्था जिसमें दो संज्ञा या सर्वनाम के गुण-दोषों की तुलना की जाती है। तब विशेषण उत्तरावस्था में प्रयुक्त होता है। 
उदाहरण : राजस्थान का क्षेत्रफल दिल्ली से अधिक है।
दीपक, मोहन में सबसे लम्बा है।

(iii) उत्तमावस्था superlative degree : ऐसी अवस्था, जिसमें दो से अधिक संज्ञा या सर्वनामों की तुलना करके, एक को सबसे अच्छा या बेकार (सबसे अधिक अथवा सबसे कम)  बताया जाता है, उत्तमावस्था कहलाती है।
उदाहरण : सम्राट अशोक विश्व का महान योद्धा था।
मोहन कक्षा में श्रेष्ठत्तम है।

विशेषण की अवस्थाओं में परिवर्तन change of Condition of adjectives

विशेषण की अवस्थाओं में परिवर्तन के लिए मूलावस्था के शब्दों में तर तथा तम प्रत्यय लगा कर या शब्द के पूर्व से अधिक या सबसे अधिक शब्दों के प्रयोग से क्रमश: उत्तरावस्था एवं उत्तमावस्था में प्रयुक्त किया जाता है।
उदाहरण :

मूलावस्था उत्तरावस्था उत्तमावस्था
उच्च उच्चतर उच्चतम
लघु लघुतर लघुतम
निम्न निम्नतर निम्नतम
अधिक अधिकतर अधिकतम
तीव्र तीव्रतर तीव्रतम
अच्छा से अच्छा सबसे अच्छा
ऊँचा से ऊँचा सबसे ऊँचा

विशेषण की रचना composition of adjectives

संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया तथा अव्यय शब्दों के साथ प्रत्यय के मेल से विशेषण पद बन जाता है।

(i) संज्ञा से विशेषण की रचना adjective from noun

संज्ञा प्रत्यय विशेषण 
अंश आंशिक
धर्म धार्मिक
अलंकार क  आलंकारिक
नीति नैतिक
अर्थ आर्थिक
दिन दैनिक
इतिहास ऐतिहासिक
देव दैविक
अंक इत अंकित
कुसुम इत कुसुमित
सुरभि इत सुरभित
ध्वनि इत ध्वनित
श्रद्धा आलू श्रद्धालु
ईर्ष्या आलू ईर्ष्यालु
सुख मय सुखमय
रूप वान रूपवान
गुण वान गुणवान
धर्म रत धर्मरत
कर्म रत कर्मरत
समीप स्थ समीपस्थ
देह स्थ देहस्थ
धर्म निष्ठ धर्मनिष्ठ
कर्म निष्ठ कर्मनिष्ठ

(ii) क्रिया से विशेषण बनाना adjective from verb

क्रिया विशेषण
पत पतित
पूज पूजनीय
भागना भागने वाला
वंद वंदनीय
पालना पालने वाला
तैरना तैराक
पढ़ना पढ़ाकू
बढ़ाना बढ़ोतरी

(iii) सर्वनाम से विशेषण adjective from pronoun

सर्वनाम विशेषण
यह ऐसा
वह वैसा
कुछ कितना
जो जैसा
तुम तुमसा
मैं मुझसा
आप आपसी
तू तेरा
कौन कैसा

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